उन्होंने कहा कि श्रीलंकाई नौसैनिकों की ओर से भारतीय मछुआरों पर हमले बढ़ रहे हैं और वे मुश्किलों का सामना कर रहे हैं. राजा ने कहा, ”हम अपनी नौका बेचने की कोशिश करें और यह पेशा छोड़ कुछ और काम करें, लेकिन नौकाओं का कोई खरीददार भी नहीं मिल रहा. ”
उन्होंने कहा कि केन्द्र और राज्य सरकारों को मछुआरों, उनकी नौकाओं, जाल और अन्य सामान की सुरक्षा की गारंटी देनी चाहिये.
लगाते रहे हैं एक-दूसरे पर आरोप
इससे पहले इसी साल 18 जून को श्रीलंका के 13 स्थानीय मछुआरों के एक समूह ने दावा किया था कि मछली पकड़ने के जहाज ‘थुशान 1’ और ‘थुशान 2’ पर सवार होकर वे सात मई को समुद्र में उतरे थे और चार जून को डिगो गार्शिया के निकट अंतरराष्ट्रीय जल क्षेत्र में भारतीय नौसेना ने उनके साथ मारपीट की. इनमें से दो मछुआरों ने स्थानीय हीरू टीवी को बताया कि वह मछुआरे हैं, इसके बावजूद उन्होंने हमसे मादक पदार्थ मांगे.