बेगूसराय (आससे)। समस्तीपुर से बेगूसराय के चिरंजीवीपुर पहुंचते ही चिराग पासवान की भव्य स्वागत किया गया। स्वागत में उतरी हुजूम ने स्पष्ट कर दिया कि जिले की जनता अब भी चिराग पासवान पर भरोसा कर रही है। भले ही पशुपति पारस ने चिराग पासवान को दरकिनार कर दिया हो, लेकिन चिराग पासवान की मेहनत रंग लाती दिख रही है। वहीं चिराग पासवान लोजपा पर अपना अधिकार का दावा जरूर कर रहे हैं। फिलहाल उक्त मामला चुनाव आयोग के पास है।
बिहार की राजनीति में रामविलास पासवान की अहम भूमिका हमेशा रही थी। या यूं कहें कि अपने पार्टी का सिम्बोल बंगला की चाबी लेकर चलते थे। लेकिन रामविलास पासवान के निधन के बाद ही उनके भाई पशुपति पारस ने चिराग पासवान को दरकिनार कर राजनीति में एक भूचाल ला दिया। फिलहाल पशुपति पारस केंद्र की सरकार में मंत्री बनाए गए हैं, जिसका जश्न भी बेगूसराय में मनाया गया। तो वहीं उनके भतीजे आशीर्वाद यात्रा पर निकल कर चाचा पशुपति पारस को अपने शक्ति प्रदर्शन के माध्यम से एहसास दिला रहे हैं कि बिहार की जनता अब भी चिराग पासवान पर भरोसा करती है।
यह दिगर सत्य है कि बेगूसराय से चिराग पासवान को पहली धोखा मिली थी। जिसमें बिहार का एकलौता विधायक राजकुमार सिंह जो कि मटिहानी विधानसभा से चुनाव जीतकर आये थे। जो फिलहाल जदयू का दामन थाम चुके हैं। यहीं से राजनीतिक आबो हवा बदलने लगी और एक ऐसा समय आया कि चिराग पासवान को उनके चाचा पशुपति पारस ने भी दरकिनार कर दिया। इसी कारण आशीर्वाद यात्रा के माध्यम से शक्ति प्रदर्शन कर चाचा को एहसास दिला रहे हैं। अब आने वाला वक्त ही बताएगा की शक्ति प्रदर्शन कितना संजीवनी बूटी का काम चिराग पासवान के लिए करती है।
फिलहाल चिराग पासवान आशीर्वाद यात्रा के माध्यम से जनता के दिलों में जगह बनाने की कोशिश जरूर की जा रही है। जीरोमाइल स्थित दिनकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। वहीं अंबेडकर चौक पहुंचकर अंबेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। जनता जनार्दन से आशीर्वाद यात्रा आशीर्वाद मांगते जरूर दिख रहे हैं।