पटना

बिहारशरीफ: शिक्षक काउंसेलिंग में पंचायत नियोजन इकाईयों द्वारा गड़बड़ियों का मामला आने लगा सामने


    • कहीं डीईओ तो कहीं डीएम ने दिया हैं जांच का आदेश
    • आरोप है कि बीडीओ, सीओ से लेकर नियोजन इकाई के लोगों की रही है मिलीभगत
    • कहीं मेधा सूची से नाम ही हटाया गया तो कहीं नियोजन पंजी ही बदल दिये जाने का है शिकायत

बिहारशरीफ (आससे)। शिक्षक नियोजन के दिन ही हिंदी दैनिक ‘आज’ ने यह खबर छापी थी कि नियोजन में अनियमितता की बू आ रही है और अब यह खबर सच होता दिख रही है। पंचायत नियोजन इकाईयों द्वारा अनियमितता बरते जाने की लगातार शिकायतें मिल रही है। अलग-अलग माध्यमों से लोग अपनी शिकायतें दर्ज करा रहे है और इस आलोक में अलग-अलग जांच का आदेश भी दिया जा रहा है। जिला शिक्षा पदाधिकारी के यहां अपने स्तर से अधिकारियों से जांच करवा रहे है। वहीं जिला पदाधिकारी ने जिला स्तरीय अधिकारियों को जांच का जिम्मा सौंपा है।

इधर दूसरी ओर नियोजित शिक्षकों के सर्टिफिकेट अभी तक एनआईसी में अपडेट नहीं होने से अनियमितता की शिकायत पर मुहर लगती दिख रही है। निर्धारित समय बीत जाने के बाद भी अभी चयनित अभ्यर्थियों का सर्टिफिकेट अपलोड नहीं होना निश्चित तौर पर शक पैदा कर रही है। नियमानुसार 20 जुलाई तक हर हाल में इसे अपलोड कर दिया जाना है। अब दो दिन शेष बचे है। लेकिन अभी बहुत सारे अभ्यर्थियों का सर्टिफिकेट अपलोड होना बाकी है।

एक सप्ताह पूर्व 109 पंचायत नियोजन इकाईयों में पहली से पांचवीं कक्षा तक के लिए शिक्षकों की काउंसेलिंग हुई थी। इस दौरान 438 पदों के लिए लोग काउंसेलिंग कराये थे, लेकिन 117 पद खाली रह गया था। काउसेंलिंग के हफ्ते भर बाद भी चयनित सूची सार्वजनिक नहीं हो सकी है। कई लोगों द्वारा शिकायतें मिल रही है। लोगों का आरोप है कि अधिक नंबर रहने के बावजूद उनका नियोजन नहीं किया गया। कुछेक स्थानों से नियोजन रजिस्टर बदले जाने का ही मामला सामने आ रहा है। कहीं नियोजन इकाई से मेधा सूची में अभ्यर्थियों का नाम ही गायब कर दिये जाने का शिकायत मिल रही है।

चंडी और थरथरी में मेधा सूची प्रकाशित हुई नहीं और काउंसेलिंग कर लिये जाने का मामला जहां सामने आया है। वहीं नूरसराय में बहाली के बाद नियोजन पंजी बदले जाने का मामला सामने आया है। जिला शिक्षा पदाधिकारी जहां पंचायत में पंजी बदले जाने का वीडियो खंगालने की बात कर रहे है। वहीं कई गंभीर शिकायतों के आलोक में जिलाधिकारी ने चंडी और थरथरी प्रखंडों में जिला आपूर्ति पदाधिकारी प्रमोद कुमार और वरीय उप समाहर्ता किशन कुमार को जांच का आदेश दिया है।

आरोप तो यह भी लग रहा है कि अधिकांश नियोजन इकाईयों में गड़बड़ी करने में संबंधित प्रखंडों के बीडीओ, सीओ से लेकर नियोजन इकाई से जुड़े लोगों की मिलीभगत रही है। वीडियो फुटेज दिखाने के लिए अनाउंस करने में भी गड़बड़ी की गयी है। अभ्यर्थियों को अलग-अलग रूमों में भटका कर अनाउंसमेंट किया जाता रहा और फिर अपने चहेते अभ्यर्थियों का चयन किया गया है। हालांकि ऐसे मामलों की जांच चल रही है। जांच के बाद ही स्पष्ट हो सकेगा कि कहां-कहां अनियमितता हुई है।