- नई दिल्ली: भारत की हॉकी टीम ने 41 साल बाद ओलंपिक्स में पदक हासिल कर इतिहास दोहरा दिया। टोक्यो ओलंपिक्स में भारत ने ब्रॉन्ज मेडल के मुकाबले में जर्मनी को रौंद एतिहासिक जीत दर्ज की।
इस तरह ओलंपिक्स में भारत के पदक जीतने का सपना 41 साल बाद पूरा हो गया। लेकिन ये सपना कई संघर्ष और बहुत मेहनत के बाद सफल हुआ है। भारतीय हॉकी टीम के कप्तान मनप्रीत सिंह ने इस मेहनत की कहानी बताते हुए कहा, मुझे नहीं पता कि अभी क्या कहना चाहिए, लेकिन यह शानदार था।
हम 3-1 से नीचे पिछड़ रहे थे, लेकिन हमने शानदार वापसी की और अंतत: मैच जीत लिया। मुझे लगता है कि हम इस पदक के काबिल हैं। हमने इतनी मेहनत की है। पिछले 15 महीने हमारे लिए भी मुश्किल थे, हम बैंगलोर में थे और हममें से कुछ को भी COVID हो गया था। यह एक मुश्किल दौर था। जर्मनी को आखिरी छह सेकेंड में पेनल्टी कॉर्नर मिला। यदि यह सफल हो जाता, तो गेम बदल सकता था। हमने सोचा कि हमें इसे हर हाल में बचाना होगा और हमने बचा लिया।
मनप्रीत ने कहा, यह वास्तव में कठिन था। मैं अभी अवाक हूं। जब हमें पदक नहीं मिला तो हमारे पास एक लंबा अंतराल था। अब हमें और आत्मविश्वास मिलेगा कि हां हम यह कर सकते हैं। यदि हम ओलंपिक में पोडियम पर समाप्त कर सकते हैं, तो हम कहीं भी पोडियम पर समाप्त कर सकते हैं।