पटना

सृजन घोटाला: मनोरमा ने अपनों के अलावा दूसरों को भी किया मालामाल


भागलपुर (आससे)। सृजन घोटाला की मास्टरमाइंड और सृजन महिला विकास सहयोग समिति लि. की संस्थापक सचिव मनोरमा देवी ने अपनों के अलावा दूसरों को भी मालामाल किया। मनोरमा देवी के निधन और सृजन घोटाला उजागर होने के बाद कारनामा जांच के दौरान उजागर हो रहा है। सृजन की राशि से मनोरमा देवी ने अपने बेटे, बेटी, पुत्रवधु सहित नाती-नतीनी के नाम से भी संपंत्ति खरीदी। भागलपुर के अलावा कई शहरों में संपत्ति पायी गयी है। प्रवर्तन निदेशालय की जांच में इसका खुलासा हुआ है।

मनोरमा देवी को सृजन घोटाला का मुख्य आरोपी बनाया गया है। 13 फरवरी 2017 को मनोरमा देवी के निधन के बाद उनकी पुत्र वधु रजनी प्रिया सृजन महिला विकास सहयोग समिति लि. की सचिव बनी। रजनी प्रिया और मनोरमा देवी के पुत्र अमित कुमार भी घोटाला के आरोपी हैं। दोनों घोटाला के बाद से फरार चल रहे हैं। ईडी ने कई बार पूछताछ करने के लिए सम्मन किया, लेकिन दोनों उपस्थित नहीं हुए। जांच में पाया गया कि 97 लाख 48 हजार रुपये का फ्लैट नोएडा में अमित और प्रिया के नाम है।

मनोरमा देवी ने सृजन महिला विकास सहयोग समिति के बैंक ऑफ बडौदा और इंडियन बैंक के खाते से ट्रांसफर किया था। अमित के नाम से नोएडा में एक दुकान के लिए 12 लाख रुपये सृजन के खाते से भेजा गया था। सृजन महिला विकास सहयोग समिति के नाम से भी एक दुकान खरीदी गयी थी। इसके अलावा रजनी प्रिया के नाम से नोएडा में फ्लैट खरीदा गया। जीटीएम मॉल भागलपुर में अमित चैरिटेबुल ट्रस्ट, मनोरमा देवी, महिला विकास सहयोग समिति और अमित व विपिन के नाम से संपत्ति खरीदी गयी। करीब तीन करोड़ का भुगतान सृजन महिला विकास सहयोग समिति या मनोरमा देवी के खाते से की गयी है। जांच में इसके अलावा मनोरमा देवी, अमित और प्रिया के नाम से कई जगहों पर संपत्ति पायी गयी है।

मनोरमा देवी के पुत्र डॉ. प्रणव कुमार के नाम रांची के बरियातू में दो फ्लैट, गाजियाबाद में फ्लैट, दुकान के अलावा भागलपुर में दुकान की खरीद की गयी, जिसका भुगतान मनोरमा देवी द्वारा दिया गया था। हालांकि राशि वापस करने का दावा भी प्रणव द्वारा किया गया है। डॉ. प्रणव और उनकी पत्नी के नाम से सात संपत्ति विभिन्न शहरों में पायी गयी है। मनोरमा देवी की पुत्रवधु सीमा कुमारी और उनकी पुत्री के नाम से भी संपत्ति का पता चला है।


आठ अभियुक्तों के खिलाफ सीबीआई ने जारी किया गिरफ्तारी वारंट

पटना (आससे)। सीबीआई के विशेष न्यायिक दंडाधिकारी ने सृजन घोटाले के एक मामले में आठ अभियुकतों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट निर्गत करते हुए गिरफ्तारी अधिनियम पत्र सीबीआई को सौंपा। उक्त मामला भागलपुर कोतवाली से संबंधित है जिसमें अभियुक्तों ने आपसी षड्यंत्र करके पद का दुरूपयोग करते हुए सृजन संस्थान को लाभ पहुंचाने की नियत से सृजन कर्मियों के सहयोग से एक अरब ६९ करोड़ रुपये से अधिक राशि का गबन कर सरकारी रकम का बंदरबांट किया। उक्त गबन पर सीबीआई ने १० अभियुक्तों के खिलाफ वर्ष २०१८ में मामला दर्ज किया तथा अनुसंधान के पश्चात सीबीआई ने ३१ दिसम्बर, २०२० को विशेष कोर्ट में आरोप पत्र समर्पित किया।

पटना की विशेष अदालत द्वारा ११ फरवरी, २०२१ को भादवि की धाराएं १२०बी, ४०९, ४२०, ४६७, ४६८ व ४७१/३४ में संज्ञान लेते हुए सम्मान निर्गत किया। अभियुक्तों द्वारा जब न्यायालय के सम्मन पर उपस्थित नहीं हुई तब विशेष कोर्ट ने ८ अभियुक्तों रजनी प्रिया, सीमा देवी, जेसमा खातून, राजरानी वर्मा, अर्पणा वर्मा, रूबी कुमारी, पुरेन्दु कुमार व सतीश कुमार झा के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट निर्गत किया। इसी मामले में दो अभियुक्त शुभा-लक्ष्मी व सरिता झा जेल में बंद हैं।


पूछताछ में मनोरमा देवी द्वारा संपत्ति गिफ्ट में देने की बात कही गयी है। हालांकि गिफ्ट से संबंधित दस्तावेज जांच एजेंसी को प्रस्तुत नहीं किया गया। मनोरमा देवी द्वारा पोती के नाम से भी गाजियाबाद में संपत्ति खरीद गयी। पोती जब नौ साल की थी, तभी उसके नाम से संपत्ति की खरीद में 51 लाख रुपये का भुगतान महिला विकास सहयोग समिति के खाते से दिया गया है। मनोरमा देवी ने नाती के नाम से नोएडा में 25 लाख रुपये से खरीदा था।

मनोरमा देवी की बेटी अर्चना लाल द्वारा नोएडा में फ्लैट, सबौर और देवघर में जमीन खरीदी गयी। यह राशि भी मनोरमा देवी और महिला विकास सहयोग समिति के खाते से दिया गया। अर्चना लाल द्वारा जांच एजेंसी को मनोरमा देवी द्वारा गिफ्ट में देने की बात कही गयी। देवघर की जमीन मनोरमा देवी ने रक्षाबंधन में गिफ्ट के रूप में बेटी को दी थी। मनोरमा देवी की बेटी कल्पना कर्ण के नाम से भी सृजन महिला विकास सहयोग समिति की राशि से नोएडा में फ्लैट के अलावा सबौर और देवघर में जमीन खरीदी गयी थी।

प्रवर्तन निदेशालय ने जांच के दौरान पुत्र स्व. प्रणय कुमार, डॉ. प्रणव कुमार, अमित कुमार, बेटी बंदना कर्ण, अर्चना लाल, कल्पाना कर्ण, पुत्र वधु सीमा कुमारी, अमिना बानो, रजनी प्रिया और नाती और पोता के नाम से संपत्ति का पता लगा चुका है। मनोरमा देवी ने सृजन महिला विकास सहयोग समिति की राशि से परिवार के सदस्यों के अलवा अपने विश्वास पात्रों प्रणव कुमार घोष, बिपिन कुमार और चहते अफसर और अफसरों की पत्नियों के नाम से भी कई जगहों पर संपत्ति अर्जित करवायी।

इसके अलावा सृजन से जुड़े कई ऐसे लोग हैं, जो नकदी और अन्य माध्यमों से लूट के भागीदार बने हैं। बैंककर्मी और प्रशासन के कर्मचारी की पत्नी के नाम से भी कई जगहों पर संपत्ति खरीदने का मामला जांच के दौरान पाया गया है।