पटना

बक्सर से कहलगांव तक गंगा विकराल


पुनपुन श्रीपालपुर व सोन मनेर में लाल निशान के पार

पटना (आससे)। पटना में गंगा का पानी गुलबी घाट पर विद्युत शवदाह गृह तक पहुंच गया। इससे शार्ट सर्किट के कारण यह बंद हो गया। लकड़ी पर शवदाह करने के लिए घुटने भर पानी में खड़े होना पड़ रहा है।गंगा अपना उग्र तेवर बरकरार रखते हुए राज्य में कई जगहों पर नया उच्चतम स्तर बनाने को बेताब है। आसपास की बड़ी नदियों में सोन और पुनपुन का भी बढ़ता जलस्तर स्थिति को गंभीर बना रहा है। दो दिनों से तेजी से बढ़ रही गंगा गुरुवार को भी इलाहाबाद से फरक्का तक लाल निशान के काफी ऊपर बह रही है।

मुंगेर को छोडक़र सभी जगहों पर यह नदी लाल निशान से एक मीटर से ज्यादा ऊपर है। पटना और बक्सर के साथ ही सभी तटवर्ती जिलों के दियारा क्षेत्र के घरों में पानी घुसने लगा है। बक्सर- कोचस स्टेट हाईवे पर भी लगभग एक फुट पानी चढ़ गया है। भागलपुर में एनएच 80 पर कई जगहों पर बाढ़ का पानी बहने लगा है। इससे भागलपुर जिला मुख्यालय का दूसरे जिलों से संपर्क कटने की स्थिति है। दियारा में लगी खरीफ फसलें डूब गई हैं। वहीं समस्तीपुर जिले के मोहनपुर और मोहिउद्दीननगर प्रखंड की दर्जनों पंचायतों का संपर्क जिला मुख्यालय से कट गया है। यहां गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से दो मीटर ऊपर बह रहा है।

गंगा पटना के गांधीघाट, हाथीदह और कहलगांव में अब तक के उच्चतम स्तर के करीब पहुंच गई है। शुक्रवार तक हाथीदह में यह नदी नया उच्चतम स्तर बना सकती है। वहां इसका जलस्तर उच्चतम स्तर 43.17 मीटर से मात्र सात सेमी नीचे है। पुनपुन और सोन भी पटना में लाल निशान से काफी ऊपर जाने के बाद भी तेज रफ्तार से बढ़ रही है। हाथीदह के साथ पटना के गांधी घाट पर भी गंगा 2016 में बने उच्चतम जलस्तर 50.52 मीटर को पार कर सकती है। वहां अब मात्र 42 सेमी नीचे रह गई है। गुरुवार को वहां 50.10 मीटर जलस्तर के साथ बह रही है और लाल निशान से 1.50 मीटर ऊपर है। दीघा घाट में गंगा लाल निशान से 24 घंटे में 24 सेमी बढक़र लाल निशान से 107 सेमी ऊपर चली गई है।


पटना दियारा क्षेत्र के कई गांव डूबे

पटना (आससे)। गंगा का लगातार जलस्तर बढऩे के कारण गंगा नदी उफान पर है और कई इलाकों में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई है। गंगा दियारा के रायपुर हसन गांव चारों तरफ से पानी से घिर गया है। गांव के लोग बाढ़ से बचने के लिए नाव पर घर का सारा सामान लादकर पटना पहुच रहे हैं। तेज धार के कारण कटाव तेज होने से घर टूट रहे हैं, जिससे लोग महिलाएं बच्चों को लेकर पटना लॉ कॉलेज के पीजी हॉस्टल के कैम्पस में शरण लेने को मजबूर हैं। बड़ी संख्या में लोग अपने जानवरों को भी लेकर विस्थापित हुए हैं।

गंगा के बढ़े जलस्तर के कारण पटना के कई घाट डूब गए हैं। पटना का गांधी घाट, काली घाट, कलेक्टेरियट घाट और गायघाट पूरी तरह डूब गया है। गांधी घाट में गंगा खतरे के निशान से 110 सेंटीमीटर ऊपर बह रहा है। गांधी घाट पर गंगा का पानी पाथवे को पार कर सडक़ पर पहुंच गया है। बाढ़ का पानी सडक़ पर पहुचने के बाद लोगो में दहशत है।

गंगा का जलस्तर बढऩे से पाथवे डूबने और सडक़ पर पानी पहुंचने के बाद जिला प्रशासन पूरी तरह अलर्ट पर है। पटना जिलाधिकारी चंद्रशेखर सिंह ने अधिकारियों को निर्देश जारी करते हुए बताया कि गंगा के किनारे बनी सुरक्षा दीवारों पर निगरानी रखी जा रही है। अधिकारी घूमकर जायजा ले रहे हैं जो भी लोग विस्थापित होकर आ रहे हैं उनके खाने के लिए कम्युनिटी किचेन की व्यवस्था की जा रही है। लोगों के वैक्सीनेशन और दवाओं का भी प्रबंध करने का निर्देश दिया गया है।


भागलपुर में 53 और कहलगांव में 97 सेमी लाल निशान से ऊपर बह रही है। इस नदी का जलस्तर गुरुवार तक सभी जगहों पर 10 से 20 सेमी और बढऩे की आशंका है। खास बात यह है कि बिहार से बाहर भी गंगा अपस्ट्रीम और डाउन ट्रीम दोनों में तेजी से बढ़ रही है। इलाहाबाद में इसका जलस्तर गुरुवार को तीन सेमी नीचे आया है। वहां नदी लाल निशान से 49 सेमी ऊपर है, लेकिन बनारस में 24 सेमी चढक़र लाल निशान से 106 सेमी ऊपर पहुंच गई है। कहलगांव के बाद फरक्का में भी लाल निशान से एक मीटर ऊपर है। यह स्थिति तब है जब फरक्का बराज के सभी फाटक खोल दिए गए हैं।

पटना के श्रीपालपुर में पुनपुन एक बार फिर 1.77 मीटर लाल निशान से ऊपर चली गई। सोन भी मनेर में तीन दिन से लाल निशान से ऊपर बह रह है। गुरुवार को मनेर में यह नद 94 सेमी लाल निशान से ऊपर है। शुक्रवार तक इसमें 20 सेमी और बढऩे की आशंका है। कोसी का डिस्चार्ज भी बढ़ा है। इससे बराह क्षेत्र में 107 हजार और बराज पर एक लाख 51 हजार घनसेक पानी मिल रहा है। गंडक का डिस्चार्ज भी वाल्मीकिनगर पर बराज पर एक लाख छह हजार घनसेक है। दूसरी नदियों में बागमती मुजफ्फरपुर में 74 और बूढी़ गंडक खगडिय़ा में 171 सेमी और कमला झंझारपुर में 80 सेमी ऊपर बह रही है। गुरुवार को कमला जयनगर में भी लाल निशान से पांच सेमी ऊपर चढ़ गई है।