- भारत के प्रवीण कुमार ने टोक्यो पैरालंपिक में बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए पुरुषों की टी-64 स्पर्धा के फाइनल में रजत पदक जीता. हालांकि इस मुकाबले में प्रवीण स्वर्ण पदक जीतने से चूक जरूर गए, लेकिन रजत पदक जीतकर भारत की झोली में एक रजत पदक की संख्या बढ़ा दी है. इस पदक के साथ ही प्रवीण कुमार ने देश को छठा सिल्वर मेडल दिला दिया है. इस मुकाबले में प्रवीण ने 2.07 मीटर की छलांग लगाई दूसरे स्थान पर रहे. ब्रिटेन के ब्रूम एडवर्ड्स जोनाथन ने 2.10 मीटर की छलांग लगाकर स्वर्ण पदक पर कब्जा किया. इस छलांग के साथ ही प्रवीण ने नया एशियाई रिकॉर्ड भी अपने नाम किया. पैरालंपिक में यह भारत का 11वां मेडल है. एक समय प्रवीण गोल्ड मेडल जीतने के रेस में बनए हुए थे, लेकिन ब्रिटेन के ब्रूम एडवर्ड्स ने उन्हें पीछे कर दिया. जिसके बाद भारतीय एथलीट को सिल्वर मेडल से संतोष करना पड़ा. प्रवीण कुमार की इस ऐतिहासिक उपलब्धि पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें बधाई दी. अपने बधाई संदेश में पीएम मोदी ने ट्वीट कर लिखा, प्रवीण के पैरालंपिक में सिल्वर पदक जीतने पर गर्व है, यह मेडल उनके कठोर परिश्रम लगातार मेहनत का परिणाम है, उन्हें बधाई। प्रवीण भविष्य के लिए भी शुभकामनाएं. टोक्यो पैरालंपिक में पैरा एथलीट प्रवीण कुमार ने सिल्वर मेडल जीता है. 18 साल के प्रवीण ने पुरुष हाई जंप में 2.07 मीटर की कूद लगाई. उन्होंने एशियाई रिकॉर्ड के साथ रजत पदक अपने नाम किया.
स्पर्धा का ब्रॉन्ज मेडल पोलैंड के लेपियाटो मासिएजो (2.04 मीटर) ने जीता. इन खेलों में देश के पदकों की संख्या 11 तक पहुंच गई है. टी64 क्लास में वो एथलीट हिस्सा लेते हैं, जिनका पैर किसी वजह से काटना पड़ा हो ये कृत्रिम पैर के साथ खड़े होकर प्रतिस्पर्धा करते हैं. प्रवीण टी44 क्लास के विकार में आते हैं, लेकिन वह टी64 स्पर्धा में भी हिस्सा ले सकते हैं. टोक्यो खेलों की ऊंची कूद में भारत के 4 पदक हो गए. इससे पहले ऊंची कूद की टी63 स्पर्धा में भारत के मरियप्पन थंगावेलु ने सिल्वर मेडल जीता था, जबकि शरद कुमार को कांस्य मिला. निषाद कुमार ने टी47 में रजत पदक जीता था. मौजूदा पैरालंपिक में भारत ने अब तक 11 पदक जीत लिये हैं. भारत के खाते में अब 2 स्वर्ण, 6 रजत 3 कांस्य पदक हैं. यह पैरालंपिक के इतिहास में भारत का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है. रियो पैरालंपिक (2016) में भारत ने 2 स्वर्ण सहित 4 पदक जीते थे.