पटना (आससे)। लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से हर साल ८ सितम्बर को विश्व फिजियोथेरेपी दिवस मनाया जाता है। अक्षत सेवा सदन वर्ल्ड फिजियोथैरेपी डे का उद्घाटन डॉ. अमूल्य कुमार सिंह ने किया।
इस अवसर पर डॉ. अमूल्य कुमार सिंह ने कहा कि शारीरिक रूप से सक्रिय और चुस्त रहने के लिए फिजियोथेरेपी बहुत आवश्यक है। दुर्घटना में गंभीर चोट खाए लोग हों या लकवा के मरीज, उपचार के बाद शरीर के विभिन्न अंगों को सक्रिय बनाने में फिजियोथेरपी की अहम भूमिका है। बीते माह ओलंपिक में कई भारतीय खिलाडिय़ों ने मेडल जीतकर देश का मान बढ़ाया। वास्तव में एक ट्रेनर की तरह ही फिजियोथेरेपिस्ट भी काम करते हैं और खिलाड़ी को शारीरिक रूप से फिट बनाते हैं। उनके उत्साह और कड़ी मेहनत से ही खिलाड़ी अच्छी परफारमेंस दे पाते हैं।
डॉ. मनीष ने कहा कि इस साल विश्व भौतिक चिकित्सा दिवस २०२१ की थीम ‘रिहैबिलिटेशन और लॉन्ग कोविड-१९’ है। डॉ. तेज प्रताप ने कहा कि वर्तमान समय में फिजियोथेरेपी मेडिकल साइंस का महत्वपूर्ण हिस्सा बन चुका है। डॉ. उपेन्द्र ने कहा कि फिजियोथेरिपिस्ट की इसी सेवाभाव का सम्मान करने के लिए और दुनिया भर में फिजियोथेरेपी के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए वल्र्ड फिजियोथेरेपी डे यानी विश्व भौतिक चिकित्सा दिवस मनाया जाता है। डॉ. अमलेश ने कहा कि बुजुगों के लिए फिजियोथेरेपी के लाभ, अपनी फिजिकल हेल्थ के लिए कुछ एक्टिविटी करनी चाहिए।