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द सस्टेनेबिलिटी फाउंडेशन, डेनमार्क की ओर से कराए एक वेबिनार में केंद्रीय मंत्री ने कहा, “दो वर्षों के भीतर, ईवी की लागत उस स्तर तक कम हो जाएगी जो उनके पेट्रोल वेरिएंट के बराबर होगी।अगर लीथियम बैटरी की कीमत घट जाती है तो, इलेक्ट्रिक वाहनों की कीमतें घट जाएंगी। इलेक्ट्रिक वाहनों पर पहले से ही जीएसटी केवल 5% है और लिथियम आयन बैटरी की लागत भी घट रही है।”
भारत बनेगा इलेक्ट्रिक व्हीकल का मैन्युफैक्चरिंग हब
नितिन गडकरी भारत को इलेक्ट्रिक व्हीकल का मैन्युफैक्चरिंग हब बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं। उनका लक्ष्य 2030 तक 30% प्राइवेट कार, 70% तक कॉमर्शियल कार और 40% इलेक्ट्रिक बसें हैं। हालांकि, देश में लिथियम बैटरी की कुल जरूरत का 81% प्रोडक्शन जमीनी स्तर पर हो रहा है, जिसे आगे बढ़ाने के दिशा में सरकार काम कर रही है।
नई दिल्ली। इलेक्ट्रिक कार की बिक्री को बढ़ाने के लिए सरकार हर संभव कोशिश कर रही है। फेम II स्कीम के तहत इन वाहनों पर अच्छी-खासी सब्सिडी दी जा रही है। इस स्कीम के अंतर्गत केंद्र, इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए सब्सिडी दे रही हैं। इसी क्रम में केंद्रीय परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने लोगों को भरोसा दिलाया की आने वाले 2 सालों में इलेक्ट्रिक वाहनों के दाम पेट्रोल और डीजल गाड़ियों के बराबर हो जाएंगे, उनका कहना है कि सरकार लीथियम बैटरी की कीमत कम करने की दिशा में काम कर रही है।