पटना

पढ़ाने के तरीके बनेंगे आनंददायी, किताबें बनेंगी रुचिकर


      • भाषा व गणित में निपुण बनेंगे बच्चे: विजय चौधरी
      • शिक्षा विभाग का केयर के साथ हुआ करार

(आज शिक्षा प्रतिनिधि)

पटना। स्कूलों में बच्चों को पढ़ाने के तरीके आनंददायी बनेंगे। किताबें रूचिकर बनेंगी। इसके लिए शिक्षा विभाग के साथ ‘केयर’ काम करेगी और स्कूली शिक्षा को रूचिकर, आनंदमयी बनाते हुए तीसरी कक्षा तक के सभी बच्चों को भाषा और गणित में निपुण बनायेगी। इसे लेकर बिहार शिक्षा परियोजना परिषद एवं केयर के  बीच करार हुआ है।

शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने सोमवार को एकरारनामा पर हस्ताक्षर के दौरान कहा कि बिहार में हमने स्कूल की व्यवस्था हर वसावट में कर ली है। सभी बच्चे स्कूल में नामांकित हैं। परंतु, गुणात्मक शिक्षा एक बड़ी चुनौती है। सभी बच्चों में गुणात्मक शिक्षा लाने के लिए शिक्षा विभाग काम कर रहा है। केयर से सहयोग मिलने के बाद काम में तेजी आयेगी और सभी स्कूल जाने वाले बच्चे पढऩा-लिखना सीख जायेंगे। जब उनका आधार मजबूत होगा, तो वे अच्छे से पढ़ाई कर पायेंगे। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि राज्य स्तर से लेकर विद्यालय स्तर तक सभी लोग मुस्तैदी से काम करें। हर बच्चे को प्रारंभिक भाषा एवं गणित में निपुण बनायें।

अपर मुख्यसचिव संजय कुमार ने कहा कि विभिन्न सर्वेक्षणों में स्पष्टï हुआ है कि स्कूली बच्चों में कुछ बच्चे अपनी कक्षा के अनुरूप ज्ञान हासिल किये बिना उपर की कक्षा में चले जाते हैं। धीरे-धीरे सीखने में कमजोर होने के कारण स्कूल छोड़ देते हैं। कुछ बच्चों को घर पर पढ़ाई में सहयोग नहीं मिल पाता, तो कुछ बच्चों के लिए हिंदी और गणित अरूचिकर होता है। इन्हें गुणात्मक शिक्षा देने के लिए, इनकी कठिनाई को समझना होगा। इनके साथ इनके स्तर पर जाकर गहराई से काम करना होगा। केयर नाम की संस्था, जो राज्य में स्वास्थ्य के क्षेत्र में लम्बे समय से काम कर रही है, अब शिक्षा के क्षेत्र में सहयोग करेगी। कक्षा तीन तक के बच्चे पढऩा-लिखना एवं अंकगणित सीख जायें, यह लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसे प्राप्त करने में तकनीकी एवं व्यवस्थागत सहयोग केयर द्वारा नि:शुल्क उपलब्ध कराया जायेगा।

एकरारनामा पर हस्ताक्षर सोमवार को शिक्षा विभाग में हुआ। इस अवसर पर शिक्षा विभाग के सचिव असंगबा चुबा आओ, विशेष सचिव दयानंद निधान पाण्डेय, माध्यमिक शिक्षा निदेशक मनोज कुमार, प्राथमिक शिक्षा निदेशक अमरेंद्र प्रसाद सिंह, बिहार शिक्षा परियोजना परिषद के राज्य परियोजना निदेशक श्रीकांत शास्त्री, एससीईआरटी के निदेशक विजय कुमार हिमांशु एवं शोध-प्रशिक्षण निदेशक डॉ. विनोदानंद झा भी मौजूद थे।