सासाराम/पटना। बिहार में भ्रष्ट अफसरों के खिलाफ निगरानी विभाग की कार्रवाई लगातार जारी है। इसी कड़ी में शनिवार को रोहतास जिले के सासाराम के भू-अर्जन पदाधिकारी और प्रभारी निगम आयुक्त राजेश कुमार गुप्ता के ठिकानों पर छापेमारी की गई। पटना के आनंदपुरी इलाके में स्थित सिटी एनक्लेव अपार्टमेंट में उनके फ्लैट नंबर 506 में लगभग सोलह लाख रुपए नकद, सोने के पांच बिस्कुट समेत 40 लाख के आभूषण। साथ ही रांची में अपार्टमेंट के फ्लैट के कागजात, भाई के नाम पर पूर्णिया में चार बीघा से अधिक जमीन के कागजात, कई बैंक पासबुक और भारी संपत्ति का पता चला है।
इसके अलावा, पटना के ही नागेश्वर कॉलोनी में भी राजेश गुप्ता ने एक अपार्टमेंट में फ्लैट ले रखा है जिसे फिलहाल उन्होंने किराए पर दे रखा है। छापेमारी के दौरान इस फ्लैट से शराब की खाली बोतल मिली है जिसके बाद निगरानी टीम ने संबंधित बुद्धा कॉलोनी थाना को बुलाकर अलग से मामले की छानबीन करने को कहा है। राजेश गुप्ता के फ्लैट में रिश्वत के जो 16 लाख रुपए मिले हैं उसमें 10-10 रुपये के नोट भी मिले हैं जो लपेट कर रखे गए थे। यानी राजेश गुप्ता ने घूस की राशि लेने में न तो मर्यादा का ख्याल रखा और ना ही नैतिकता की सीमा का। उन्हें 500 रुपये से लेकर 10 रुपये तक भी रिश्वत लेने में गुरेज नहीं था।
निगरानी विभाग के अधिकारियों ने यह जानकारी दी कि राजेश गुप्ता और उनकी पत्नी के नाम पर कई बैंक पासबुक भी मिले हैं जिनका आकलन किया जा रहा है। बिहार में आर्थिक अपराध इकाई हो या स्पेशल बिजनेस यूनिट या विजिलेंस तीनों एजेंसियों ने भ्रष्ट अफसरों और उनके पदों पर तैनात लोगों के खिलाफ जिस तरीके से भ्रष्टाचार को लेकर कार्रवाई शुरू की है उससे हड़कंप मचा हुआ है। वर्ष 2005 में सत्ता में आने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भ्रष्टाचार को लेकर जीरो टॉलरेंस की नीति अख्तियार की थी। इसमें अब तक कितने ही अफसर भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ चुके हैं।