नई दिल्ली, । सुप्रीम कोर्ट से सोमवार को स्वामी चक्रपाणि को उस समय झटका लगा जब कोर्ट ने उनकी एक मांग को ठुकरा दिया। दरअसल, स्वामी ने कोर्ट से भारत के चुनाव आयोग को अखिल भारत हिंदू महासभा को कई राज्यों में विधानसभा चुनाव लड़ने की अनुमति देने का निर्देश देने का आग्रह किया था। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया है। न्यायमूर्ति इंदिरा बनर्जी की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि स्वामी चक्रपाणि की याचिका खारिज करने के दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश में हस्तक्षेप करने का कोई आधार नहीं है।
बता दें कि स्वामी चक्रपाणि की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता विकास सिंह ने उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देने वाली उनकी याचिका को स्वीकार करने का न्यायालय से अनुरोध किया था। इसके जवाब में शीर्ष अदालत ने कहा कि पार्टी के भीतर लड़ाई है और प्रतिद्वंद्वी भी महासभा के अध्यक्ष होने का दावा कर रहे हैं।
प्रतिद्वंद्वियों पर साजिश का आरोप, कोर्ट ने दीवानी अदालत में जाने को कहा
वरिष्ठ अधिवक्ता सिंह ने अदालत से कहा कि मुकदमों के बाद मुकदमा दायर करने के बावजूद प्रतिद्वंद्वियों को उनके पक्ष में अंतरिम राहत नहीं मिल रही है। उन्होंने प्रतिद्वंद्वियों को दोषी बताते हुए कहा कि यह सब इसलिए किया जा रहा ताकि देश की सबसे पुरानी पार्टियों में से एक उनकी पार्टी उम्मीदवार नहीं उतार सके। न्यायमूर्ति बनर्जी ने दीवानी अदालत में इस मामले को सुलझाने का सुझाव दिया।