वाशिंगटन, । Russia-Ukraine War यूक्रेन पर रूस के हमले को तीन हफ्ते बीत गए हैं। यह बात स्पष्ट है कि नतीजे रूस की इच्छा के अनुकूल नहीं रहे हैं। रूस ने जिस युद्ध को कुछ ही दिन में जीत लेने की उम्मीद की थी, वह काफी लंबा खिंच रहा है। युद्ध के लंबा खिंचने के भी अपने खतरे हैं। जानकार चिंता जताने लगे हैं कि अगर रूस के मनमाफिक नतीजे मिलते नहीं दिखे, तो वह परमाणु हथियारों के इस्तेमाल की राह पर भी बढ़ सकता है। इस खतरे पर एक नजर:
परमाणु बम का प्रयोग हुआ तो मच सकती है बड़ी तबाही : तबाही की बात हो तो परमाणु बम का नाम जरूर लिया जाता है। अनुमान है कि रूस के परमाणु हथियारों के भंडार में करीब दो हजार ऐसे हैं, जिनका प्रयोग युद्ध क्षेत्र में आसानी से हो सकता है। इन्हें टैक्टिकल न्यूक्लियर वेपन कहते हैं। इन्हें शार्ट रेंज के हिसाब से तैयार किया जाता है। वैसे तो इनकी मारक क्षमता थोड़ी कम मानी जाती है, लेकिन ऐसा जरूरी नहीं है। कई ऐसे आधुनिक टैक्टिकल न्यूक्लियर वेपन हैं, जिनसे जापान के हिरोशिमा व नागासाकी पर गिरे परमाणु बमों से ज्यादा तबाही मच सकती है।
पुतिन के बयान ने बढ़ा दी है दुनियाभर की चिंता : रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कुछ दिन पहले अपने परमाणु हथियारों का हवाला दिया था। परोक्ष तौर पर यह परमाणु हमले की धमकी ही थी। उनके इस बयान ने चिंता बढ़ाई है। युद्ध जैसे-जैसे खिंच रहा है, चिंता भी बढ़ रही है। जानकारों का कहना है कि यूक्रेन में किसी भी तरह के परमाणु हमले का दुष्प्रभाव रूस पर भी पड़ेगा। साथ ही उसका यह कदम उसे चीन से भी दूर कर सकता है, क्योंकि चीन ने परमाणु हथियारों के पहले प्रयोग न करने की नीति अपनाई हुई है। ऐसे में चीन के लिए रूस का साथ देना मुश्किल हो जाएगा। इसके बावजूद माना जा रहा है कि यदि स्थितियां बदलीं तो रूस छोटे परमाणु हथियार के इस्तेमाल की राह पर चल सकता है।