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नई दिल्ली, : चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मां दुर्गा के तीसरे स्वरूप यानी मां चंद्रघंटा की पूजा की जाती है। आज तृतीया तिथि दोपहर 1 बजकर 55 मिनट तक रहेगी। इसके बाद चतुर्थी तिथि लग जाएगी। आज के दिन मां चंद्रघंटा की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है। तो आइए जानते हैं मां चंद्रघंटा की पूजा विधि, मंत्र, भोग और आरती।
मां चंद्रघंटा का स्वरूप
मां चंद्रघंटा का स्वरूप काफी अलौकिक है। मां के माथे पर घंटे के आकार का अर्धचंद्र सुशोभित है। मां के दस हाथ हैं जिसमें से चार हाथों में कमल फूल, धनुष, जप माला और तीर है। पांचवें हाथ में अभय मुद्रा और अन्य चार हाथों में त्रिशूल, गदा, कमंडल और तलवार है। माथे में चंद्र होने के कारण इन्हें चंद्रघंटा के नाम से जाना जाता है।