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‘AAP नेता सांस तक ले लेते हैं तो उन्हें नोटिस आ जाता है’, चुनाव आयोग के एक्शन पर भड़कीं आतिशी


नई दिल्ली। चुनाव आयोग ने आम आदमी पार्टी के कैंपेन सांग पर रोक लगा दी है। चुनाव आयोग ने कहा है कि आप का कैंपेन गीत भड़काऊ है और न्यायपालिका पर संदेह जताने वाला है। आयोग ने कहा है कि इसमें दिए गए मैटर में बदलाव कर आप लाए, इसे अनुमति दे दी जाएगी।

 

उधर चुनाव आयोग की कार्रवाई से नाराज आप ने इसे केंद्र की तानाशाही बताया है। आप नेता आतिशी ने कहा कि कैंपेन गीत में कहीं भी भाजपा का नाम नहीं है। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग को जेल का जवाब वोट से पर आपत्ति है, जो सरासर गलत है। इसमें कुछ भी आपत्तिजनक नहीं है।

इसे लेकर संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए आप की वरिष्ठ नेता आतिशी ने कहा कि यह संभवत: पहली बार है कि चुनाव आयोग ने किसी पार्टी के प्रचार गीत पर प्रतिबंध लगाया है। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग के मुताबिक, यह गाना सत्तारूढ़ पार्टी और जांच एजेंसियों को खराब तरीके से दिखाता है।

बीजेपी पर कोई कार्रवाई नहीं: आतिशी

उन्होंने कहा कि गीत में भाजपा का जिक्र नहीं है और यह आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन नहीं करता है। इसमें तथ्यात्मक वीडियो और घटनाएं शामिल हैं। आतिशी ने चुनाव आयोग पर भाजपा द्वारा किए गए चुनाव आचार संहिता उल्लंघनों पर कार्रवाई नहीं करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि बीजेपी के खिलाफ इतने शिकायत के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं होती, जबकि आप नेता सांस तक ले लेते हैं तो नोटिस थमा दिया जाता है।

उन्होंने कहा कि अगर भाजपा तानाशाही करती है, तो यह सही है। लेकिन अगर कोई इसके बारे में बात करता है, तो वह गलत है। इससे पता चलता है कि लोकतंत्र खतरे में है। उन्होंने कहा कि मैं चुनाव आयोग से भाजपा द्वारा किए गए (चुनाव संहिता) उल्लंघन पर कार्रवाई करने का आग्रह करना चाहती हूं। बता दें कि आप के दो मिनट से अधिक के अभियान गीत को आप विधायक दिलीप पांडेय ने लिखा और गाया है।

चुनाव आयोग ने बताई ये वजह

उधर दिल्ली के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) कार्यालय ने आम आदमी पार्टी (आप) को लिखे पत्र में कहा है कि आप के दो मिनट 23 सेकेंड का कैंपेन गीत मीडिया पूर्व प्रमाणन समिति में लाया गया था। जिसे देखने के बाद समिति ने फैसला किया कि गाने के बोल और वीडियो न्यायपालिका पर संदेह, पुलिस पर संदेह व हिंसा भड़काने वाले हैं।

साथ ही वीडियो पुलिस के लिए अपमानजनक है। इसलिए कैंपेन सांग के कांटेंट चुनाव आयोग द्वारा पिछले 24 अगस्त को जारी दिशा निर्देशों और केबल टीबी नेटवर्क नियम 1994 के प्रोग्राम और विज्ञापन कोड का उल्लंघन है।इसलिए कैंपेन सांग को वापस संशोधन के लिए पार्टी को भेजा गया है।

जेल के पीछे केजरीवाल को दिखाया गया

सीईओ कार्यालय द्वारा जारी पत्र में कहा गया है कि वीडियो में आक्रामक भीड़ को जेल के सलाखों के पीछे खड़े अरविंद केजरीवाल का फोटो लिए दिखाया गया है। इसे वीडियो में कई बार चलाया गया है जो न्यायपालिका पर संदेह जताने वाला है।

गाने की एक लाइन ‘तानाशाही पार्टी को हम छोड़ देंगे’ के साथ प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़प का वीडियो दिखाया गया है, जो हिंसा को बढ़ावा देने वाला है। इसके अलावा सत्ताधारी दल के खिलाफ असत्यापित तथ्यों का इस्तेमाल किया गया है। सीईओ कार्यालय ने कहा है कि संशोधन के साथ आप उसे स्वीकृति के लिए दोबारा आवेदन दे सकती है।