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AIIMS शेल्टर होम में दुर्व्यवहार का मामला, हाईकोर्ट ने पुलिस ने मांगी स्टेटस रिपोर्ट


दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) के एक शेल्टर होम के केयरटेकर द्वारा सामाजिक कार्यकर्ता के साथ दुर्व्यवहार और धक्का देने के आरोप पर एक स्थिति रिपोर्ट (status report ) दर्ज करने के लिए कहा है.

याचिकाकर्ता और सामाजिक कार्यकर्ता रचना मलिक के वकील ने कहा कि पुलिस ने शिकायतकर्ता को दुर्व्यवहार के लिए प्रेरित किया और एम्स में केयरटेकर के धक्का देने पर भी कोई प्रतिक्रिया नहीं दी. वहीं इस मामले में न्यायमूर्ति नजमी वजीरी की एकल बेंच ने परिस्थितियों पर ध्यान देते हुए अदालत ने SHO को एक सप्ताह में संबंधित स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है.

वहीं अदालत ने दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड को यह सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया कि जिन व्यक्तियों के खिलाफ याचिकाकर्ता के साथ दुर्व्यवहार करने और इस संबंध में दो सप्ताह में जवाब दाखिल करने का आरोप है, उनके खिलाफ उचित कदम उठाए. बेंच मलिक सिंह द्वारा दिल्ली अर्बन शेल्टर इम्प्रूवमेंट बोर्ड (DUSIB) के अधिकारियों के खिलाफ अवमानना कार्यवाही की याचिका पर सुनवाई कर रहा था. मलिक ने याचिका में आरोप लगाया है कि DUSIB अधिकारियों ने जानबूझकर पिछले साल 27 मई को करण सेठ बनाम केंद्र सरकार मामले में दिए गए आदेश का उल्लंघन किया है.

डिवीजन बेंच द्वारा दिए गए निर्देशों के उल्लंघन का आरोप

याचिकाकर्ता ने कहा कि 27 मई, 2020 और 7 सितंबर, 2020 को हाई कोर्ट की डिवीजन बेंच द्वारा दिए गए निर्देशों के उल्लंघन किया गया है. विशेष रूप से तब जब उसे एम्स में रैन बसेरा का दौरा करने की अनुमति नहीं दी गई. याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि याचिकाकर्ता को AIIMS में रैन बसेरे में एक केयरटेकर द्वारा धकेल दिया गया था. उन्होंने सुविधाओं के गैर-प्रावधान के अलावा एम्स में रैन बसेरा में किए जा रहे कुप्रबंधन और अवैध गतिविधियों के बारे में भी शिकायत की थी.