कोलकाता। बंगाल के 108 नगर निकायों में 27 फरवरी चुनाव होना है। पर, राज्य चुनाव आयोग की ओर से चुनाव की घोषणा के दिन मतणना की तिथि घोषित नहीं की गई थी। बुधवार को राज्य चुनाव आयोग ने कहा कि 108 नगर निकायों के चुनाव नतीजे दो मार्च को घोषित की जाएगी। 27 फरवरी को मतदान सुबह सात बजे से शाम पांच बजे तक होगा। आठ मार्च तक निकाय चुनाव की सभी प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। आयोग सूत्रों के मुताबिक नगर निगमों की तरह नगर पालिका चुनाव भी राज्य पुलिस की सुरक्षा में ही संपन्न कराया जाएगा।
बता दें कि पिछले शनिवार को संपन्न चार नगर निगमों के चुनाव में सत्तारूढ़ दल तृणमूल पर व्यापक धांधली और हिंसा का भाजपा ने आरोप लगाते हुए हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। भाजपा से लेकर माकपा और कांग्रेस का कहना है कि 108 नगर पालिकाओं के लिए होने वाले चुनाव से पहले ही हालात यह है कि विरोधी दल के प्रत्याशियों को नामांकन तक नहीं करने दिया गया और इसी का नतीजा है कि तीन नगर पालिकाओं पर बिना चुनाव के ही तृणमूल का कब्जा हो चुका है। वहीं दर्जनों वार्ड ऐसे हैं जहां निर्विरोध तृणमूल प्रत्याशी जीत चुके हैं। ऐसे में राज्य पुलिस की सुरक्षा में निकाय चुनाव किस तरह से निष्पक्ष और शांतिपूर्ण संपन्न होगा यह समझा जा सकता है।
निकाय चुनाव में केंद्रीय बल की तैनाती पर हाई कोर्ट ने मांगा हलफनामा
कलकत्ता हाई कोर्ट ने 108 नगर पालिकाओं के चुनाव में केंद्रीय बल की तैनाती को लेकर राज्य चुनाव आयोग और बंगाल सरकार से हलफनामा तलब किया है। हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश प्रकाश श्रीवास्तव की पीठ में भाजपा द्वारा केंद्रीय बल की तैनाती की मांग वाली याचिका पर बुधवार को सुनवाई हुई। इसी दौरान यह निर्देश दिए गए। साथ ही राज्य को सूचित करना होगा कि क्या उस क्षेत्र में दुआरे सरकार और पाड़ाया समाधान योजना को रोका जा सकता है? मामले पर अगली सुनवाई आगामी सोमवार को होगी। इसके साथ ही मुख्य न्यायाधीश ने पिछले शनिवार को संपन्न राज्य के चारों नगर निगमों आसनसोल, सिलीगुड़ी, चंदननगर और बिधाननगर के मतदान के सीसीटीवी फुटेज को सुरक्षित रखने के निर्देश दिया है। याचिकाकर्ताओं को पुलिस सुरक्षा भी मुहैया कराने का भी निर्देश दिया गया है। बता दें कि भाजपा ने चुनाव के दौरान व्यापक धांधली, वोट लूट का आरोप लगाते हुए फिर से उक्त सभी नगर निगमों में चुनाव कराने की मांग की है।