घोटाले का लगाया आरोप
बीजेपी कार्यालय में नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा ने कहा कि जनवरी 2020 में पोर्टल खोला गया। कंपनी की असत्य सूचना और पदाधिकारियों की मिलीभगत से सरकारी राशि का गबन किया गया। पांच वर्षों में मात्र 10 से 20% छात्रों को ही प्रशिक्षित किया गया। जबकि केवाईपी सेंटर को प्रशिक्षण पूर्ण करने पर भुगतान किया जाता है। सरकारी आदेश के बावजूद प्लेसमेंट पोर्टल के लिए गलत ढंग से भुगतान की गई राशि की वसूली एमकेसीएल से नहीं की गई। एमकेसीएल द्वारा गलत तरीके से बिना कार्य किए ही प्राप्त किए गए भुगतान की राशि वसूली करने, उसे काली सूची में डालने और दोषी पदाधिकारियों खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की गई थी।
तब बिहार विधानसभा अध्यक्ष ने इसकी जांच के लिए विशेष कमेटी बनाई थी। नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा ने आरोप लगाया कि सरकार ने जानबूझकर उस विशेष कमिटि की रिपोर्ट सदन में पेश नहीं किया। हमलोगों ने सदन में मामला भी उठाया, इसके बाद भी घोटाले की रिपोर्ट सदन में पेश नहीं की गई।
केंद्रीय एजेंसी से जांच कराने की मांग
विजय सिन्हा ने विवेक सावंत नाम के एक व्यक्ति का हवाला देकर कहा, इस व्यक्ति पर सीबीआइ में करोड़ों के घोटाले का मामला चल रहा है। बावजूद यह व्यक्ति मुख्यमंत्री आवास में कौशल विकास का प्रजेंटेशन देते पाया गया। उन्होंने कहा सावंत के जरिये कौशल मिशन में करोड़ो का घोटाला किया गया। उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मांग की है कि विशेष समिति की रिपोर्ट को सार्वजनिक किया जाए। रिपोर्ट में क्या है इससे जानने का हक बिहारवासियों को है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि नीतीश सरकार कौशल विकास मिशन में करोड़ों के वारे-न्यारे की जांच जांच एजेंसी से कराए।