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BJP सांसद रामकृपाल यादव ने गृह मंत्री और रक्षा मंत्री को लिखा पत्र,


पटना: कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर देश भर में कहर बरपा रही है. बिहार में तेजी से बढ़ रहे कोरोना मरीजों की संख्या ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की चिंता बढ़ा दी है. इधर, जनप्रतिनिधि भी कोरोना के बढ़ते मामले और अस्पतालों में बेड की कमी से परेशान हैं. इसी बात से परेशान पाटलिपुत्र सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री रामकृपाल यादव ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को पत्र लिखकर, उनके संसदीय क्षेत्र स्थित ईएसआईसी अस्पताल में बने कोविड केयर यूनिट को जल्द से जल्द चालू कराने की मांग की.

इधर, पत्र इमेल करने के बाद सांसद की मोबाइल पर गृह मंत्री अमित शाह से बात हुई. ऐसे में सांसद की ओर से लिखे गए पत्र पर गृह मंत्री ने तुरंत संज्ञान लेकर बिहटा के ईसीआईसी अस्पताल में डीआरडीओ द्वारा 500 बेड का कोराना अस्पताल खोलने की अनुमति प्रदान की. जिसपर सांसद ने गृह मंत्री के प्रति आभार प्रकट किया.

बेड मिलने में हो रही है काफी दिक्क्त

गौरतलब है कि बीजेपी सांसद की ओर से लिखे गए पत्र में कहा गया था, ” पटना में कोविड-19 से संक्रमित मरीजों की संख्या में लगातार तेजी से बढ़ोतरी हो रही है. पटना के प्रमुख सरकारी अस्पताल एम्स, पीएमसीएच, आईसीएमएस, एनएमसीएच और अन्य निजी अस्पतालों में कोरोना से संक्रमित मरीजों को बेड मिलने में काफी दिक्क्त हो रही है. राज्य सरकार अस्पतालों में अतिरक्ति बेड की व्यवस्था में दिन-रात लगी है. मरीज और उनके परिजन काफी परेशान हैं.”

उन्होंने कहा था, ” पिछले साल 24 अगस्त को डीआरडीओ की ओर से मेरे संसदीय क्षेत्र पाटलिपुत्र के बिहटा में नवनिर्मित ईएसआईसी अस्पताल परिसर में 500 बिस्तरों वाले कोविड अस्पताल की स्थापना की गई थी, जिसमें अलग से 125 आईसीयू बिस्तरों की भी व्यवस्था थी. यह कोविड अस्पताल डीआरडीओ की ओर से दिल्ली कैंट में बने 1000 बिस्तरों वाले कोविड अस्पताल की तर्ज पर बनाया गया था. पीएम केयर्सफंड की ओर से अस्पताल के लिए धन आवंटित किया गया था.”

200 मेडिकल स्टाफ अस्पताल में किए गए थे तैनात

बीजेपी सांसद ने लिखा था, ” डॉक्टरों और पारा मेडिकल स्टाफ की तैनाती दिल्ली में डीआरडीओ की ओर से बनाए गए कोविड अस्पताल की तर्ज पर डायरेक्टर जनरल आर्म्ड फोर्स मेडिकल सर्विस (डीजीएएफएमएस) और आई फोर्सेज मेडिकल कॉलेज (एएफएमसी) पुणे के सहयोग से किया गया था. डॉक्टर सहित करीब 200 मेडिकल स्टाफ अस्पताल में तैनात किए गए थे.”