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BSF का अधिकार क्षेत्र बढ़ा, अब जंगलों में फंसी SSB को भी समाधान की दरकार


  • नई दिल्ली. सीमा सुरक्षा बल (BSF) के अधिकार क्षेत्र को लेकर केंद्र और राज्य सरकारों के बीच तनातनी जारी है. खासतौर से पंजाब और पश्चिम बंगाल में इसे लेकर सियासी घमासान मचा हुआ है. इसी बीच देश का एक और बल, सशस्त्र सीमा बल (SSB) भी सीमा पर सीमित दायरे के चलते परेशानियों का सामना कर रहा है. भारत-भूटान और भारत-नेपाल सीमाओं पर तैनात एसएसबी का अधिकार क्षेत्र 15 किलोमीटर का है. पाकिस्तान से लगी हुई सीमाओं पर तैनात बीएसएफ के विपरीत एसएसबी की तैनाती खुली सीमाओं पर हुई है, जहां ना कोई फेंसिंग है और न ही डीमार्केशन है. इसके चलते इन सीमावर्ती क्षेत्रों में अपराध का जोखिम ज्यादा होता है.

एसएसबी का 15 किमी का दायरा सीमा से लेकर कई राज्यों के घने जंगलों तक है. बल इसी दायरे में तलाशी, जब्ती और गिरफ्तारी कर सकता है. एसएसबी के वरिष्ठ अधिकारियों और सुरक्षा जानकारों ने न्यूज18 को बताया कि उत्तर प्रदेश, बिहार और असम जैसे राज्यों में बीते दशकों में बल ‘बगैर दांत’ का होग गया है. इन राज्यों में सीमा वाले इलाकों में काफी ज्यादा जंगल और राष्ट्रीय उद्यान हैं. इसके चलते 15 किमी का दायरा घने जंगलों में खत्म हो जाता है, जहां एसएसबी सीमा चौकियों का निर्माण नहीं कर सकती या इन इलाकों में ठीक तरह से तलाशी अभियान नहीं चला सकती.