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Budget 2022: मोबाइल के पुर्जों पर घटाई जाए GST, ICEA ने सरकार को पत्र लिखकर की मांग


नई दिल्ली, । मोबाइल फोन बनाने के लिए इस्तेमाल होने वाले पुर्जों पर आयात शुल्क घटाने की मांग करते हुए उद्योग निकाय इंडिया सेल्युलर एंड इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसिएशन (ICEA) ने कहा कि कंपोनेंट्स पर करों में वृद्धि से PLI योजना के तहत भारत में निर्मित उत्पाद विश्व स्तर पर अप्रतिस्पर्धी हो जाएगा। ICEA ने मांग की है कि बजट में संबंधित माल एवं सेवा कर को वर्तमान के 18 फीसदी से घटाकर 12 फीसदी किया जाए क्योंकि कर घरेलू बाजार एवं विनिर्माताओं की वृद्धि में बाधा है।

ICEA के चेयरमैन पंकज महिंद्रो ने इलेक्ट्रॉनिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय को लिखे पत्र में कहा कि उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (PLI) योजना, जनवरी 2020 से पहले भारत में जारी विनिर्माण के लिए चीन और वियतनाम जैसे देशों की तुलना में आंशिक लागत कमी को पूरा करने के लिए प्रोत्साहन राशि देती है।

पंकज महिंद्रो ने कहा, “वित्तीय वर्ष (वित्त वर्ष) 2020-21 और वित्त वर्ष 2021-22 के लिए केंद्रीय बजट में शुल्क संरचना में बदलाव के बाद लागत अक्षमता अंतर और बढ़ गया है। इनपुट पर टैरिफ बढ़ाने से PLI अनुमोदित कंपनियों के लागत ढांचे पर गंभीर प्रभाव पड़ेगा, जो वैश्विक बाजारों के लिए उत्पाद की कीमत अप्रतिस्पर्धी बनाना है।”

सैमसंग और एप्पल के अनुबंधित विनिर्माता पीएलआई योजना के तहत सबसे बड़े निवेशक हैं और ये दोनों ब्रांड भारत से मोबाइल फोन के निर्यात का बड़ा हिस्सा है। सरकार को उम्मीद है कि पीएलआई योजना के तहत 10.5 लाख करोड़ रुपये के मोबाइल फोन का विनिर्माण किया जाए।

ICEA ने कहा कि मार्च 2020 में GST में 50 प्रतिशत की वृद्धि करके 12 प्रतिशत से 18 प्रतिशत तक ले जाया गया था, इसे वापस ले लिया जाना चाहिए क्योंकि यह डिजिटल इंडिया अभियान को धीमा कर देता है और निर्माताओं के विकास को रोकता है।