Latest News नयी दिल्ली राष्ट्रीय

केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने प्लास्टिक कचरे के निपटान के लिए उत्पादकों को दिया लक्ष्य


  • केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने प्लास्टिक कचरा प्रबंधन नियम, 2016 के तहत विस्तारित उत्पादक उत्तरदायित्व (EPR) के नियमन के लिए एक ड्राफ्ट नोटिफिकेशन जारी किया है. ये ड्राफ्ट विस्तारित उत्पादक उत्तरदायित्व के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए उत्पादकों, आयातकों और ब्रांड मालिकों, केंद्रीय/राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की भूमिकाओं और जिम्मेदारियों को निर्धारित करता है. 6 अक्टूबर को जारी किया गया यह ड्राफ्ट पारित होने के बाद तत्काल प्रभाव से लागू किया जाएगा.

विस्तारित उत्पादक उत्तरदायित्व का अर्थ किसी उत्पादक द्वारा उत्पाद की मियाद समाप्ति तक पर्यावरण के अनुकूल उसका प्रबंधन करना है. EPR दायित्वों के तहत प्लास्टिक पैकेजिंग के उत्पादक, आयातित उत्पादों के सभी आयातित प्लास्टिक पैकेजिंग, ब्रांड मालिक जिसमें ऑनलाइन प्लेटफैॉर्म, मार्केटप्लेस और सुपरमार्केट, सूक्ष्म, लघु और मध्य उद्यम भी शामिल हैं.

EPR के तहत तीन तरह की प्लास्टिक पैकेजिंग आती है, जिसमें सख्त प्लास्टिक पैकेजिंग, सिंगल लेयर या मल्टीलेयर (विभिन्न प्रकार की प्लास्टिक के साथ एक से अधिक लेयर) प्लास्टिक शीट या प्लास्टिक शीट से बने कवर, कैरी बैग और तीसरा मल्टीलेयर प्लास्टिक पैकेजिंग (प्लास्टिक की कम से कम एक परत और प्लास्टिक के अलावा अन्य सामग्री की कम से कम एक परत) शामिल है.

मंत्रालय ने उत्पादकों को विस्तारित उत्पादक उत्तरदायित्व के तहत, 2021-22 की पहली तिमाही के लिए 35 फीसदी कचरे के प्रबंधन का लक्ष्य दिया है. वहीं 2022-23 में यह बढ़ाकर 70 फीसदी और 2023-24 में 100 फीसदी लक्ष्य दिया गया है. ड्राफ्ट में कहा गया है कि उत्पादक यह सुनिश्चित करेंगे कि संशोधित प्लास्टिक कचरा प्रबंधन नियमावली, 2016 के नियम 5(1) (ख) में बताए गए तरीके से प्लास्टिक कचरे का निपटान करेंगे. इसमें कोई भी उल्लंघन होने से पर्यावरण संरक्षण अधिनियम, 1986 की धारा-15 के प्रावधान लागू हो जाएंगे.