सम्पादकीय

बेहतरीके लिए संवाद

जम्मू-कश्मीरमें तेजीसे चल रही परिसीमन प्रक्रियाके बीच दिल्लीमें प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदीकी पहलपर आयोजित सर्वदलीय बैठक काफी सफल और सार्थक रही। अनुच्छेद ३७० हटाये जानेके बाद आयोजित पहली बैठक राज्यके विभिन्न दलोंके नेताओं और केन्द्र सरकारके बीच द्विपक्षीय संवादका प्रभावशाली माध्यम भी बना। सहभागी नेताओंने खुले मनसे अपनी बातें रखी और सरकारकी ओरसे भी विकास […]

सम्पादकीय

वैदिक शिक्षाका आदर्श चरित्र

डा. वरिंदर भाटिया     देशकी अनूठी विरासतके रूपमें वैदिक शिक्षाकी काफी खूबियां रही हैं। हमारा वर्तमान शिक्षाजगत इनसे ज्यादा नहीं है। इसलिए वैदिक शिक्षासे जुड़े कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओंसे अवगत होना जरूरी है। वैदिक शिक्षा सांस्कृतिक दृष्टिपर बल देती है। इसके मुताबिक शिक्षित व्यक्तिको साहित्य, कला, संगीत आदिकी समझ होनी चाहिए। उसे जीवनके उच्च आदर्शोंका ज्ञान भी […]

सम्पादकीय

कितनी घातक होगी तीसरी लहर

डा. दीपकुमार शुक्ल     अनलाक प्रक्रियाके बाद देशमें कोरोना संक्रमितोंका आंकड़ा ३,००,८२,७७८ तथा मरनेवालोंकी संख्या ३,९१,९८१ पहुंच गयी है। हालांकि मरनेवालोंकी संख्याके सरकारी आंकड़ोंपर अबतक कई बार अंगुली उठ चुकी है। कुछ समाचरपत्रों तथा चैनलोंके मुताबिक देशभरमें कोरोना संक्रमणसे मरनेवालोंकी संख्या ४२ लाखसे भी अधिक है। इनमें श्मशान घाटोंमें कोरोना प्रोटोकालके तहत होनेवाले अन्तिम संस्कारके आंकड़ों […]

सम्पादकीय

विरासतके वर्चस्वकी लड़ाईमें बिखरे परिवार

आनन्द शुक्ल भारतका राजनीतिक इतिहास चाचा-भतीजे, पिता-पुत्र, ससुर-दामाद और यहांतक कि सास-बहूके बीच सियासी विरासतको लेकर आपसी संघर्षोंकी घटनाओंसे भरा पड़ा है। राजनीतिक वारिसको लेकर वर्चस्वकी लड़ाईके कारण अबतक कई परिवार बिखर गये। पूर्व केन्द्रीयमंत्री स्वर्गीय रामविलास पासवानकी लोक जनशक्ति पार्टीमें चाचा-भतीजेके बीच वर्चस्वको लेकर छिड़ी जंग उदाहरणके रूपमें सामने है। लोजपाके सांसद एवं स्व.पासवानके […]

सम्पादकीय

रिश्ते

जयति लोगोंके मनमें एक धारणा घर कर गयी है कि परिवारमें किसीका आध्यात्मिक रुझान रिश्तोंके मार्गमें बाधक है। हालांकि आध्यात्मिक मार्ग इस बातकी मांग नहीं करता कि आप अपने रिश्तोंको छोड़ दीजिए लेकिन रिश्ते अक्सर यह मांग करते हैं कि आप आध्यात्मिक राह छोड़ दीजिए। दुर्भाग्यसे बहुत सारे लोग रिश्तोंका ख्याल करके अपने आध्यात्मिक पथका […]

सम्पादकीय

डूबे धनकी आंशिक वापसी

बड़े घोटालेमें डूबे धनकी वापसी बैंकों और देशके लिए अवश्य सुखद है लेकिन इन घोटालोंको अंजाम देनेवाले विजय माल्या, नीरव मोदी और मेहुल चोकसी जैसे भगोड़े आर्थिक अपराधियोंकी स्वदेश वापसी भी बहुत जरूरी है। प्रवर्तन निदेशालयने इन तीनों भगोड़े अपराधियोंकी जब्त सम्पत्तियोंमेंसे ९०,४१५ करोड़ रुपये सम्बन्धित बैंकोंको हस्तान्तरित करा दिया है। यह सम्बन्धित बैंकोंकी डूबी […]

सम्पादकीय

अर्थव्यवस्थामें गिरावटका परिदृश्य

डा. जयंतीलाल भंडारीï     चालू वित्त वर्षमें अर्थव्यवस्थामें गिरावटके बाद तीव्र गतिसे वृद्धि मुश्किल होगी, जैसा कि पिछली बार राष्ट्रीय स्तरपर लाकडाउन हटनेके बाद देखा गया था। इसका कारण इस बार उपभोक्ता धारण कमजोर बनी हुई है क्योंकि लोग पिछले सालके मुकाबले महामारीकी दूसरी लहरके असरको देखकर काफी चिंतित हैं। गौरतलब है कि अभी जहां कोरोना […]

सम्पादकीय

प्रादेशिक स्तरपर गुटबाजीपर अंकुश

रमेश सर्राफ धमोरा      पिछले सात वर्षोंसे केंद्रमें भाजपा प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदीके नेतृत्वमें सरकार चला रही है। वहीं देशके आधेसे अधिक प्रदेशोंमें भाजपा एवं उनके गठबंधनके साथी दलोंकी मिली-जुली सरकारें चल रही हैं। पहली बार भाजपाने देशमें राष्ट्रपति एवं उपराष्ट्रपतिका चुनाव भी अपने बलपर जीता था। भाजपा लगातार पूरे देशमें मजबूत होती जा रही है। […]

सम्पादकीय

संवैधानिक अधिकारोंका हनन

रविकान्त त्रिपाठी कोरोनाकी महामारीने पूरी दुनियाको झकझोरा है जिन देशोंमें स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर थीं वहां भी हाहाकार मचा और जहां स्वास्थ्य सेवाएं कमजोर थीं वहां तो हाहाकार मचना स्वाभाविक था। दूसरी लहरने भारतमें ज्यादा तबाही मचायी लेकिन बेहतरीन प्रबंधनके कारण अनियंत्रित होती दिख रही महामारी जल्दी ही पटरीपर आ गयी और आबादीके हिसाबसे तबाहीका मंजर […]

सम्पादकीय

प्रसन्नता

श्रीराम शर्मा आपको गरीबीने घेर रखा है, पैसेका अभाव रहता है, आपकी आवश्यकताएं धनाभावमें पूरी नहीं होतीं। आप दुखी रहते हैं, परन्तु हम पूछते हैं कि क्या दुखी रहनेसे आपकी दरिद्रता दूर हो जायगी। यदि आप समझते हैं कि हां हो जायगी तो आप भूल करते हैं। आप कम पढ़े हैं, विद्या पास नहीं है, […]