Latest News राष्ट्रीय सम्पादकीय

जिन्दगी बदल सकती है सहकारिता

बीती जुलाईमें नरेंद्र मोदी सरकारने कैबिनेट विस्तारके दौरान एक सहकारिता मंत्रालयका गठन किया। इसका प्रभार स्वराष्टï्रमंत्री अमित शाहको दिया गया है। तभीसे ये मंत्रालय और क्षेत्र चर्चाका विषय है। देशमें सहकारिता आन्दोलनकी शुरुआत १९०४ में हुई थी, लेकिन ज्यादातर इसे भ्रष्टïाचारका दीमक चाट गया है। सहकारिताका स्वतंत्र भारतमें अपना इतिहास रहा है। हमारे देशमें आज […]

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राष्ट्रके स्वाभिमानका समय

भारतका चुनावी परिदृश्य विगत छह दशकोंसे गठबंधनके प्रयोगोंसे भरा पड़ा है। ये प्रयोग अंतत: पर्सनालिटीके विरुद्ध हमेशासे अपने-अपने दावोंको मजबूत करनेपर आधारित रहे हैं। कभी नेहरू, कभी इंदिरा, कभी सोनिया गांधीके खिलाफ इन्हें बनाया गया है। किन्तु इनकी ऐतिहासिक असफलताएं बताती हैं कि कार्यक्रमके मुकाबले व्यक्तित्वसे टकरावकी राजनीतिकी सफलता संदेहास्पद रहती है। कांग्रेसकी संयुक्त प्रगतिशील […]

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कृषिको बनाना होगा लाभकारी

कृषि संबंधी तीन कानून, जिसपर इतना विवाद उत्पन्न हुआ था, वे कानून कभी लागू नहीं हुए थे। उन्हें सुप्रीम कोर्टने लम्बित रखा था। उन क़ानूनोंको लेकर शुरूसे ही दो मत थे। कृषि अर्थशास्त्री तो इन कानूनोंको किसानोंके लिए हितकारी ही बता रहे थे। पंजाबके जाने-माने कृषि अर्थशास्त्री तो इस संबंधी अपनी राय मीडियाके माध्यमसे जाहिर […]

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चीन-पाकिस्तानकी बेचैनी

प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदीकी सफल अमेरिका यात्रा और भारतके साथ सम्बन्धोंमें आयी प्रगाढ़तासे पड़ोसी देश चीन और पाकिस्तानकी बेचैनी काफी बढ़ गयी है। भारत और अमेरिकाके बीच मैत्री सम्बन्धोंका मजबूत इतिहास है, जिसमें और मजबूतीकी सम्भावनाएं बढ़ गयी हैं। अमेरिकाकी उपराष्टï्रपति कमला हैरिससे प्रधान मंत्री मोदीके बीच बातचीत काफी सकारात्मक रही और दोनों नेताओंने रणनीतिक […]

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मोदी और हैरिसकी मुलाकातके मायने

अवधेश कुमार   भारत-अमेरिकाके बीचकी मुलाकातको जिस प्रकारका माहौल बनाया गया था, वैसा कुछ नहीं हुआ। जिस गर्मजोशीसे कमला हैरिस प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदीसे मिली और दोनोंके संयुक्त संवाददाता सम्मेलनमें जिस ढंगकी प्रतिक्रियाएं और हाव-भाव व्यक्त किये गये उनसे साफ था कि बातचीत बिल्कुल सहज सामान्य और मित्रवत् माहौलमें ही संपन्न हुआ। यह प्रश्न अवश्य उठाया […]

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भावी पीढ़ी होगी प्रोत्साहित

डा. नीलम महेंद्र       वर्ष २०२१ में भारतको स्वराज प्राप्त हुए ७४ वर्ष पूर्ण हुए और हम स्वतंत्रताके ७५वें वर्षमें प्रवेश कर रहे हैं। इस अवसरपर देश स्वाधीनताका अमृत महोत्सव मना रहा है। ऐसे समयमें प्रधान मंत्री उत्तर प्रदेशके अलीगढ़में राजा महेंद्र प्रताप सिंह राजकीय विश्वविद्यालयकी आधारशिला रखते हैं। भारत जैसे देश जो वोटबैंककी राजनीतिसे चलता […]

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कोरोना मुआवजेकी हो पारदर्शी व्यवस्था

 डा. श्रीनाथ सहाय सुप्रीम कोर्टकी कड़ी फटकारके बाद केंद्र सरकारने जवाब दाखिल करते हुए कहा है कि देशमें कोरोनासे हुई हर मौतके मामलेमें परिजनोंको ५० हजारका मुआवजा मिलेगा। साथ ही कहा गया है कि ये रकम राज्य यानी स्टेट डिजास्टर रिलीफ फंडकी तरफसे दी जायगी। सुप्रीम कोर्टके निर्देशके बाद एनडीएमएने मुआवजेको लेर गाइडलाइंस बनायी है। […]

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निरलिप्त भाव

 बाबा हरदेव वास्तवमें महानता उसीकी है जो सभी कर्मोंको निभाता हुआ निरलिप्त अवस्थामें रहता है। जैसे कमलका फूल जलमें रहता है। जलमें रहकर भी जलसे विलग रहता है, उसकी निरलिप्त अवस्था रहती है। कोई समझानेके लिए कहे कि कमलके फूलको यदि निरलिप्त रहना है तो उसे उठाकर किसी स्थानपर रख दीजिए। तब वह खुद पानीसे […]

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भयावह वायु प्रदूषण

विश्वमें वायु प्रदूषणकी भयावह स्थितिका सहज अनुमान इसीसे लगाया जा सकता है कि प्रतिवर्ष ७० लाखसे अधिक लोगोंकी मृत्यु वायु प्रदूषणसे जनित गम्भीर श्वसन रोगोंके कारण हो जाती है। श्वसन सम्बन्धी रोगोंने अन्य गम्भीर रोगोंको पीछे छोड़ दिया है। जहरीली हवा मानव जीवनके लिए सर्वाधिक खतरनाक साबित हुई है। विश्व स्वास्थ्य संघटन (डब्ल्यूएचओ) की ताजा […]

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जाति समीकरण साधनेकी कोशिश

तारकेश्वर मिश्र    कांग्रेसने पंजाबमें मुख्य मंत्री आखिरकार बदल ही दिया। कैप्टन और सिद्धूमें खींचतान काफी लंबे समयसे जारी थी। अन्तमें जीत सिद्धू खेमेकी हुई है। लेकिन कांग्रेसने अपने नये मुख्य मंत्रीको जिस तरह दलित मुख्य मंत्रीके तौरपर प्रचारित किया है। इसका सीधा-सा अर्थ है कि कांग्रेसने अगले साल चुनावोंके मद्देनजर जाति कार्ड खुलकर खेलना शुरू […]