सम्पादकीय

बढ़ती बेरोजगारीके पीछेका सच

 आर.डी. सत्येन्द्र कुमार यदि अन्तरराष्टï्रीय श्रम संघटनकी मानें तो महामारीके चलते विश्व श्रम बाजारकी हालत काफी खस्ता हुई है। इस स्थितिमें तत्काल शीघ्र सुधारके भी आसार नजर नहीं आ रहे हैं। यह सच है कि श्रम बाजारकी इस दुर्गतिके लिए केवल कोरोनाजनित महामारी ही जिम्मेदारी नहीं है। उसके लिए अन्य कई कारण भी हैं लेकिन […]

सम्पादकीय

कर्म बन्धन

जग्गी वासुदेव कर्म बंधनका मतलब है कुछ किया जाना या किये जानेकी छाप, जो हमारे अंदर रहती है। आपके पिताने जो काम किये वे आपके अंदर न सिर्फ आपकी परिस्थितियोंमें काम कर रहे हैं, बल्कि आपकी हर कोशिकामें हैं। आपने देखा होगा कि जब आप १८ या २० सालके थे तो आपने अपने पिता या […]

सम्पादकीय

मोदीका स्वास्थ्य मंत्र

सदीकी सबसे बड़ी कोरोना महामारीसे आक्रान्त पूरे विश्वको प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदीने दुनियाके सबसे विकसित सात लोकतांत्रिक देशोंके समूह-७ की शिखर बैठकोंके दौरान ‘वन अर्थ-वन हेल्थÓ का महामंत्र दिया है, जो ‘वसुधैव कुटुम्बकमÓ के भावसे अभिप्रेरित है। यह मात्र महामंत्र ही नही है, अपितु पूरी धरतीके मानव स्वास्थ्य और उनकी जीवन रक्षाका एक नारा भी […]

सम्पादकीय

बीच भंवरमें लडख़ड़ाती कांग्रेस

राजकुमार सिंह   पिछले साल मार्चमें कांग्रेसको सबसे बड़ा झटका देनेवाले ज्योतिरादित्य सिंधिया थे, जिन्हें राहुलके सबसे करीब माना जाता रहा। सिंधिया अकेले नहीं गये। इतने कांग्रेस विधायक भी ले गये कि कमलनाथके नेतृत्ववाली कांग्रेस सरकार जाती रही और शिवराज सिंह चौहानके नेतृत्वमें फिरसे भाजपा सरकारकी वापसी हो गयी। मध्य प्रदेशके बाद पिछले साल कोरोना कालमें […]

सम्पादकीय

शीघ्र ही मजबूत होगी देशकी आर्थिकी

 डा. गौरीशंकर राजहंस      जब कोरोनाकी दूसरी लहरका प्रकोप अपने पूरे चरमपर था तब देशके कुछ अर्थशास्त्रियोंने ठीक ही कहा था कि जब कोरोनाकी दूसरी लहर समाप्त होगी तब भारतकी अर्थव्यवस्था छिन्न-भिन्न दिखेगी। पहलेकी तरह वह अपने पैरोंपर आसानीसे नहीं खड़ी हो सकेगी। इसका प्रमुख कारण यही होगा कि देशमें बेरोजगारीकी दर बहुत बुरी तरह गिर […]

सम्पादकीय

नौसेनाकी बढ़ी समुद्री ताकत

योगेश कुमार गोयल भारतीय नौसेना द्वारा ८ जूनको स्वदेश निर्मित तीन उन्नत हल्के हेलीकाप्टरों एएलएच एमके-३ को औपचारिक रूपसे पूर्वी नौसेना कमान (ईएनसी)में शामिल कर लिया गया। हिन्दुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) द्वारा निर्मित तीनों हेलीकॉप्टरों को पूर्वी नौसेना कमान के भारतीय नौसैनिक स्टेशन (आईएनएस) देगामें शामिल किया गया। नौसेनामें इन्हें शामिल करनेके लिए पूर्वी तटपर […]

सम्पादकीय

जीवनके सार

कर्मवीर चाïर ही जीवनका सार होते हैं क्योंकि व्यक्तिके जैसे विचार होते हैं वैसी ही उसकी क्रियाएं होती हैं और उसकी क्रियाएं ही उसकी आदते बन जाती हैं और उसकी आदतें ही उसका चरित्र बनता है और व्यक्तियोंके चरित्रसे मिलकर राष्ट्रका चरित्र बनता है। मनुष्यके अन्तर्मनमें आत्म शक्ति, स्मरण शक्ति, कल्पना शक्ति, संकल्प शक्ति, इच्छा […]

सम्पादकीय

एक ही राशनकार्ड जरूरी

सर्वोच्च न्यायालयका सभी राज्योंको एक राष्टï्र, एक राशन कार्ड योजना लागू करनेका निर्देश प्रवासी कामगारोंके हितमें उठाया गया महत्वपूर्ण कदम है। न्यायमूर्ति अशोकभूषण और  न्यायमूर्ति एम.आर. शाहकी पीठने प्रवासी श्रमिकोंकी समस्यापर स्वत: संज्ञान लेकर शुक्रवारको सुनवाईके दौरान पश्चिम बंगाल सरकारकी तकनीकी दिक्कतोंका हवाला देकर योजनाको लागू करनेमें हिलाहवालीपर कोर्टने सख्त रुख अपनाते हुए कहा कि […]

सम्पादकीय

बिजलीके अन्य विकल्पकी जरूरत

डा. भरत झुनझुनवाला  जलविद्युतके उत्पादनके लिए नदियोंको अवरोधित किया जा रहा है और मछलियोंकी जीविका दूभर हो रही है। लेकिन मनुष्यको बिजलीकी आवश्यकता भी है। अक्सर किसी देशके नागरिकोंके जीवन स्तरको प्रति व्यक्ति बिजलीकी खपतसे आंका जाता है। अतएव ऐसा रास्ता निकालना है कि हम बिजलीका उत्पादन कर सकें और पर्यावरणके दुष्प्रभावोंको भी सीमित कर […]

सम्पादकीय

प्रकृतिमें कर्णप्रिय ध्वनियां

हृदयनारायण दीक्षित आहारका अर्थ सामान्यतया भोजन होता है लेकिन इन्द्रियद्वारोंसे हमारे भीतर जानेवाले सभी प्रवाह आहार हैं। आहार व्यापक धारणा है। मनुष्यमें पांच इन्द्रियां हैं। दृश्य, गंध, स्पर्श भी हमारे आहार हैं।  मनुष्यमें पांच इन्द्रियां हैं। आंखसे देखे गये विषय हमारे भीतर जाते हैं और संवेदन जगाते हैं। इसलिए दृश्य भी हमारे आहार हैं। कानसे […]