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CWC Meeting : संगठनात्मक बदलाव की उठी मांग लेकिन सोनिया गांधी पर जताया गया भरोसा


नई दिल्ली, । कांग्रेस कार्यसमिति की पांच राज्यों की हार पर हुई मैराथन चर्चा के दौरान लगातार चुनावी पराजयों से पार्टी के सामने पैदा हुई राजनीतिक चुनौती को स्वीकार करते हुए इस संकट से उबरने के लिए उठाई जा रही आवाजों पर अमल करने की बात कही है। सोनिया गांधी की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में कार्यसमिति ने यह स्वीकार किया कि पांच राज्यों के चुनाव परिणाम कांग्रेस के लिए गंभीर चिंतन का विषय हैं।

 

सोनिया गांधी के नेतृत्‍व में जताया भरोसा

पार्टी की इन चुनोतियों को देखते हुए कार्यसमिति ने सोनिया गांधी के नेतृत्‍व में नेतृत्व में फिर से अपना विश्वास जाहिर किया और उनसे आग्रह किया कि वे आगे बढ़ पार्टी का नेतृत्व और मजबूती से करें। साथ ही कांग्रेस में आवश्यक तथा व्यापक संगठनात्मक बदलाव करें और राजनीतिक चुनौतियों का सामना करने के लिए संगठन की सभी कमजोरियों को भी दूर करें।

सत्ता विरोधी लहर पर नहीं पा सके काबू

कांग्रेस मुख्यालय में हुई कार्यसमिति की देर रात खत्म हुई बैठक के बाद पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल और मीडिया विभाग के प्रमुख रणदीप सुरजेवाला ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि पार्टी का यह मानना है कि अपनी रणनीति में खामियों के चलते हम जहां चार राज्यों में भाजपा सरकारों के कुशासन को प्रभावी ढंग से उजागर नहीं कर पाए। यही नहीं पंजाब में नेतृत्व बदलाव के बाद मिले सीमित समय में सत्ता विरोधी लहर पर काबू नहीं पाया जा सका।

विपक्ष की जवाबदेही निभाएगी पार्टी

विपक्ष के रूप में कांग्रेस की मोजूदा स्थिति पर देश भर में जताई जा रही चिंता को नोट करते हुए कार्यसमिति ने अपनी जवाबदेही निभाने के लिए खुद को तैयार करने का संदेश दिया। कार्यसमिति की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि कांग्रेस पार्टी देश में आज व्याप्त राजनीतिक निरंकुशता के खिलाफ करोड़ों भारतीयों की आशाओं का प्रतिनिधित्व करती है। पार्टी अपनी इस जिम्मेदारी के प्रति पूरी तरह से सजग और जागरूक है।

जीवंत विपक्ष की भूमिका निभाएगी

जारी बयान में कहा गया कि कांग्रेस कार्यसमिति लाखों कांग्रेस कार्यकर्ताओं और नेताओं के प्रति अपना आभार व्यक्त करती है, जिन्होंने पांच राज्यों के इन चुनावों में पार्टी और उसके उम्मीदवारों के लिए अथक परिश्रम किया। कांग्रेस पार्टी अपने कार्यकर्ताओं और भारत के लोगों को आश्वस्त करती है कि वह विधानसभा चुनावों के इस जनमत को विनम्रता से स्वीकार करते हुए एक सतर्क और जीवंत विपक्ष की भूमिका निभाएगी।

 

फ‍िर होगी सीडब्‍ल्‍यूसी की बैठक, चिंतन शिविर भी होगा आयोजित

कांग्रेस भविष्य में होने वाले 2022 और 2023 के राज्यों के चुनाव एवं 2024 के लोकसभा एवं राज्यों के चुनाव की चुनौतियों से मुस्तैदी से निपटने के लिए तत्परता से हर तैयारी करेगी। इसी बयान के परिप्रेक्ष्य में सोनिया गांधी से तत्काल कांग्रेस के संगठनात्मक बदलावों को अमलीजामा पहनाने और खामियों को दूर करने के लिए कदम उठाने को कहा गया है। पार्टी के भविष्य के रोडमैप के लिए चिंतन शिविर संसद सत्र के बाद होगी और उससे पहले कार्यसमिति की एक और बैठक मार्च के आखिर में बुलाई जाएगी।