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Delhi: हारने वाले भी AAP के पार्षद भी नहीं है निराश, CM केजरीवाल दे सकते हैं ये जिम्मेदारी


नई दिल्ली दिल्ली नगर निगम में नवनिर्वाचित पार्षद सदन की बैठक और महापौर की नियुक्ति बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं तो हारे हुए प्रत्याशी भी निराश नहीं हुए हैं। चूंकि, नगर निगम चुनाव में पांच से सात प्रत्याशी एक वार्ड से चुनाव लड़ चुके हारे हुए प्रत्याशी किसी न किसी रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन से जुड़े हुए हैं।

अपने आरडब्ल्यूए को मिनी पार्षद बनाने का मान्यता दिलाने के जुगाड़ में लग गए हैं। क्योंकि, वे मानकर चल रहे हैं कि नगर निगम में मतदान से पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के द्वारा आरडब्ल्यूए को मिनी पार्षद का मान्यता देने की घोषणा पर अमल होना तय है।

इस वजह से माहौल हो रहा गर्म

अभी भी नगर निगम चुनाव में जीतने और हारने वालों की चर्चा तो हो ही रही है। अब शहर से लेकर गांव की चौपालों तक आरडब्ल्यूए को मिनी पार्षद की मान्यता मिलने पर चर्चा का माहौल गर्म होने लगा है। ठंड के इस मौसम में दोपहर तक धूप में बैठकर हुक्का पर बैठकर चर्चा होती रही है लेेकिन रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन को मिनी पार्षद की मान्यता मिलने को लेकर चर्चा में शाम भी गुजर रही है।

मोहल्ला सभा को मिनी पार्षद की मिलेगी मान्यता

जानकार बताते हैं कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने जिस तरह से मोहल्ला सभा का गठन किया था। सभा के संचालन के लिए वित्तीय मदद भी दी गई थी। लेकिन यह नियमित नहीं हो पाया। अब आरडब्ल्यूए को मिनी पार्षद का अधिकार दिलाने के साथ वित्तीय मदद दी जानी तय मानी जा रही है। मोहल्ला सभा को मिनी पार्षद की मान्यता दी जा सकती है। कार्यालय के संचालन के लिए भी फंड दिये जाने की चर्चा है।

सक्रिय आरडब्ल्यू को मिल सकती है मान्यता

चर्चा यह भी है कि दिल्ली नगर निगम को काम में मजबूती मिले इसलिए काेशिश हो रही है कि मिनी पार्षद की मान्यता उस आरड़़ब्ल्यूए को मिलेगा जो सक्रिय है। इससे कोई अंतर नहीं पड़ता कि उसका पूर्व में किस राजनीतिक पार्टी से संबध था।

आम आदमी पार्टी (यूथ) अध्यक्ष रमेश मटियाला ने बताया कि किसी भी आरडब्ल्यूए को मिनी पार्षद की मान्यता मिल सकती है। बशर्ते की वह ईमानदार हो और कालोनी की समस्या से वाकिफ हो। ऐसा इसलिए जरूरी होगा ताकि समस्या का हल निकालने के लिए बैठक कर सके और रकम का सही जगह उपयोग करा सके।