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Delhi-NCR में GRAP-4 लागू, दमघोंटू हो रही हवा के बीच पर्यावरण मंत्री ने शुक्रवार को बुलाई हाई लेवल मीटिंग


नई दिल्ली, । दिल्ली एनसीआर में हवा की गुणवत्ता खराब होती जा रही है। बृहस्पतिवार शाम को दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 418 पहुंच गया। बढ़ते प्रदूषण को लेकर भी ग्रेप (GRAP) का चौथा चरण लागू कर दिया गया। वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने दिल्ली-एनसीआर में चौथे चरण को लागू करने का आदेश दिया है।

ग्रेप को चौथे चरण के अनुसार, दिल्ली में ट्रकों के प्रवेश पर रोक लगा दी है। लेकिन आवश्यक वस्तुओं को ले जाने वाले वाहन, आवश्यक सेवा देने वाले और और सभी सीएनजी/इलेक्ट्रिक ट्रक पर रोक नहीं रहेगा। CAQM ने राज्य सरकारों, नगरपालिका और निजी कार्यालयों को 50% क्षमता पर काम करने और बाकी को घर से काम करने की अनुमति देने का निर्णय लेने के लिए कहा है।

दिल्ली सरकार ने बुलाई हाई लेवल मीटिंग

दिल्ली में ग्रेप-4 लागू होने के बाद पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने हाई लेवल मीटिंग बुलाई है। 4 नवंबर यानी शुक्रवार को दोपहर 12 बजे दिल्ली सचिवालय मंत्री गोपाल राय की अध्यक्षता में बैठक होगी। बैठक में पर्यावरण विभाग और अन्य संबंधित विभागों से जुड़े अधिकारी मौजूद रहेंगे।

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नोएडा गुरुग्राम का एक्यूआई

बृहस्पतिवार शाम को दिल्ली से सटे नोएडा का एक्यूआई 484 पहुंच गया, जो गंभीर श्रेणी में है। वहीं, गुरुग्राम का AQI 467 है, जो गभीर श्रेणी में आता है। वहीं, दिल्ली हवाई अड्डे के पास टर्मिनल 3 का भी 462 है।

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AQI से वायु प्रदूषण का चलता है पता

वायु गुणवत्ता सूचकांक (Air Quality Index) एक नंबर होता है जिसके जरिए हवा की गुणवत्ता को आंका जाता है। इससे वायु में मौजूद प्रदूषण के स्तर का भी पता लगाया जाता है। एक्यूआई की रीडिंग के आधार पर हवा की गुणवत्ता को छह कैटेगरी में बांटा गया है। शून्य से 50 के बीच AQI अच्छा, 51 और 100 संतोषजनक, 101 और 200 मध्यम, 201 और 300 खराब, 301 और 400 बहुत खराब, और 401 और 500 के बीच AQI को गंभीर माना जाता है।

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सुबह था 408 एक्यूआई

दिल्ली में सुबह 8 बजे वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 364 (‘बहुत खराब’ श्रेणी) और सुबह 7 बजे AQI 408 (‘गंभीर’) दर्ज किया गया था। एनसीआर के शहरों की भी गुणवत्ता भी गंभीर श्रेणी में आ गई है। दिल्ली में बृहस्पतिवार को पूरे दिन स्मॉग छाया रहा।

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सांस लेने में परेशानी

दिल्ली में कई लोगों को सांस लेने में परेशानी हो रही है। जिसमें बच्चे और बुजुर्ग शामिल हैं। उन्होंने अपने नजदीकी अस्पतालों में सांस लेने से संबंधित परेशानी की शिकायत की है। प्रदूषण के कारण बच्चों को स्कूल भेजने वाले अभिभावक डरे हुए हैं। ऐसी परिस्थितियों में भी कुछ अभिभावकों का मानना ​​है कि सरकार को स्कूलों को खुला रखना चाहिए। वहीं, कुछ का मानना है कि स्कूलों को बंद रखना चाहिए।

दिल्ली में घूमने आए एक पर्यटक ने कहा कि यहां की स्थिति बहुत खराब है, आज यहां आकर महसूस किया। भले ही अभी शाम के 5 बज रहे हों, लेकिन ऐसा लगता है कि सूरज की रोशनी की कमी के कारण सूरज पहले ही अस्त हो चुका है। वाहनों की अधिकता और बड़े पैमाने पर औद्योगीकरण एक कारण प्रदूषण का कार हो सकता है।

एक स्थानीय शख्स ने बताया कि सांस लेना मुश्किल हो गया है। आंखें छलक रही हैं। हमें काम पर जाना है, यही हमारी लाचारी है। दिल्ली में ट्रैफिक और पराली जलाने से प्रदूषण में इजाफा हुआ है।