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Deoghar : अबतक बचाए जा चुके 25 लोग, छह केबिन में फंसे 23 अन्‍य को निकालने का प्रयास जारी


देवघर: त्रिकुट पहाड़ के रोपवे में रात भर फंसे 48 पर्यटकों को सकुशल नीचे उतारने के लिए वायु सेना, आर्मी और स्थानीय युवकों ने रेस्‍क्‍यू ऑपरेशन तेज कर दिया है। रविवार की शाम हुए हादसे के करीब 23 घंटे बाद अबतक 25 लोगों को केबिन से सुरक्षित निकाल लिया गया है। वहीं छह केबिन में फंसे 23 अन्‍य लोगों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए राहत और बचाव कार्य अब भी जारी है।

 

त्रिकुट पहाड़ पर प्रशासनिक अमला का जुटान, डीजीपी समेत आपदा प्रबंधन सचिव पहुंचे: बढ़ते समय के साथ लोगों को बचाने का प्रयास भी तेज हो गया है। सोमवार की शाम करीब 4 बजे त्रिकुट रोप वे पर डीजीपी नीरज सिन्हा, आपदा प्रबंधन सचिव अमिताभ कौशल और पर्यटन विभाग के एमडी राहुल कुमार सिन्हा पहुंचे हैं। इन्‍होंने उपायुक्‍त मंजुनाथ भजंत्री से बात कर स्थिति का जायजा लिया और विभिन्‍न दिशा-निर्देश दिए।

 

सदर अस्पताल में चिकित्सक ने बच्ची की जांच की। चिकित्सक डॉ संजय कुमार ने बताया कि बच्ची डिहाइड्रेशन व लू की शिकार है। हल्का बुखार भी है। घटना के बारे में बात करते हुए बच्ची ने बताया कि रातभर वह डरी- सहमी रही। सुबह पानी और खाने के लिए बिस्कुट मिला।

वहीं दोपहर करीब दो बजे चार लोगों को सदर अस्पताल लाया गया था। इनमें एक महिला और तीन युवक शामिल हैं। महिला झूमा पाल समेत सौरभ दास व देवांग जय पाल बंगाल के मालदा जिले के रहने वाले हैं, जबकि वकील कुमार महतो बिहार के दरभंगा सिंघवारा के निवासी हैं। सभी को प्राथमिक उपचार के बाद अस्‍पताल में भर्ती कर लिया गया है।

घटना को लेकर महिला झूमा पाल डरी हुई है। उसकी आंखों में अभी भी वह खौफनाक मंजर तैर रहा है।

वहीं इससे पहले अस्‍पताल लाई गई महिला आशा टिबड़ेवाल में डिहाइड्रेशन पाया गया, जबकि अन्य की हालत सामान्य है। दोपहर एक बजे अस्पताल लाए गए लोगों में प्रदीप टिबड़ेवाल, शुभम टिबड़ेवाल व आशा टिबड़ेवाल शामिल हैं। ये सभी मुजफ्फरपुर बिहार के रहने वाले है।

इंडियन एयरफोर्स के हेलीकाॅप्टर से कमांडोज ने रोपवे के केबिन से इन सभी को एयरलिफ्ट कर लिया। आर्मी के जवान रस्सी के सहारे केबिन तक पहुंचे, फिर गेट खोलकर एक-एक कर लोगों को बाहर निकालना शुरू किया।

स्‍थानीय युवकों की टोली भी फंसे लोगों को बचाने में जुटी: दूसरी ओर स्थानीय युवक पन्नालाल ने जमीन की सतह से 50 फीट ऊपर लटक रहे केबिन से चार यात्रियों को रस्सी में कुर्सी बांधकर एक-एक कर नीचे उतारा है। स्थानीय युवकों की पूरी टीम भी रेस्‍क्‍यू ऑपरेशन में सेना के जवानों और एनडीआरएफ की टीम का साथ दे रही है।