मुजफ्फरपुर धन्वंतरि दिवस को लेकर आयुर्वेदिक चिकित्सकों में खास उत्साह है। कार्तिक कृष्ण की शाम त्रयोदशी तिथि में 22 अक्टूबर को भगवान गणेश, माता लक्ष्मी के साथ भगवान धन्वंतरि की पूजा होगी। शास्त्रों में भी प्रदोष काल में त्रयोदशी के पूजन का उत्तम विधान है। पंडित प्रभात मिश्र ने कहा कि धनतेरस पर उत्तर फाल्गुनी नक्षत्र और ब्रह्म योग में लक्ष्मी पूजा का उत्तम मुहूर्त शाम 6:21 बजे से लेकर रात 08:59 बजे तक है। धनतेरस के दिन भगवान धन्वंतरि, लक्ष्मी और कुबेर की पूजा की जाती है। इस दिन सोने-चांदी सहित घरेलू उपयोग की चीजें खरीदना बहुत शुभ माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन भूमि-भवन और वाहन सहित सभी नई चीजें खरीदने से घर में सुख-समृद्धि आती है।
धनतेरस पर खरीददारी करने का शुभ मुहूर्त
उन्होंने कहा कि इस बार धनतेरस पर खरीददारी करने का शुभ समय 22 अक्टूबर की शाम से लेकर 23 अक्टूबर की सूर्यास्त से पहले तक दोनों ही दिन शुभ प्रद है। इस दिन मां लक्ष्मी की पूजा करने का शुभ समय 22 की शाम से 23 की सूर्यास्त के पूर्व तक है। वैसे इस दिन आप कभी भी पूजा-पाठ कर सकते हैं।
धनतेरस की पूजा विधि
धनतेरस के दिन भगवान धन्वंतरि मां लक्ष्मी और कुबरे की पूजा की जाती है। शाम को शुभ मुहूर्त में पूजा घर में भगवान धन्वंतरि, कुबेर और लक्ष्मी गणेश की प्रतिमा स्थापित करें, इसके बाद घी का दीपक जलाएं और पुष्प, फल चढ़ाने के बाद पूजा शुरू करें।
आयुर्वेद चिकित्सक लगाएंगे शिविर
पानी टंकी चौक के समीप 22 को भगवान धन्वंतरि का जन्म दिन मनाया जाएगा। वहां धूमधाम से पूजा होगी। इस दिन आयुर्वेद चिकित्सक (वैद्य) ललन तिवारी मरीजों को निशुल्क जांच करेंगे। उन्होंने बताया कि गरीबों को मुफ्त में जड़ी-बुटियों से निर्मित दवाइयां भी देंगे। उस दिन चाहे जितनी भी मरीज आएंगे सबको देखेंगे। पिछले साल करीब 45 मरीजों की जांच की थी। इस बार सौ मरीजों की जांच करेंगे और उनको स्वास्थ्य के बारे में सजग करते हुए उचित सलाह देंगे।