हर साल आयोजक पूजा के लिए किसी न किसी थीम का चयन करते हैं जिसकी झलक पंडालों में लोगों को देखने मिलती है। इसी तर्ज पर इस बार प्रकृति (Mother nature) और सद्भावना (Communal Harmony) को थीम बनाते हुए उत्तर कोलकाता में काशी बोस लेन पूजा (Kashi Bose Lane ) समिति द्वारा आयोजित पूजा ‘माटी’ (धरती) पर आधारित होगी।
सौमेन दत्ता इस पूजा कमेटी के महासचिव हैं। उन्होंने समाचार एजेंसी पीटीआई से बात करते हुए कहा, ‘मिट्टी से हमारा अस्तित्व है और मरने के बाद इसी में मिल जाना है। यह रचना का भी प्रतिक है क्योंकि पेड़-पौधे मिट्टी पर ही उगते हैं।’ दत्ता ने कहा कि इस बार पंडाल का साइज और भी बड़ा होगा ताकि हजारों की संख्या में लोग आकर दर्शन कर सके।
मालूम हो कि शहर में दुर्गा पूजा आयोजकों के मंच फोरम फॉर दुर्गोत्सव के एक महत्वपूर्ण पदाधिकारी दत्ता ने इस बात की भी जानकारी दी कि पूजा समिति के सदस्य 1 सितंबर को यूनेस्को के सम्मान में एक रैली में भाग लेंगे। पिछले साल 15 दिसंबर को यूनेस्को ने ‘कोलकाता में दुर्गा पूजा’ को विश्व धरोहर की मान्यता दी थी इसलिए इस बार यूनेस्को प्रतिनिधियों को सम्मान दिया जाएगा।
वहीं, अगर बात करें बालीगंज के मेट्रोपोलिस इलाके के समाज सेवी संघ (Samaj Sebi Sangha) पूजा की, तो इसके पंडाल का निर्माण कुछ इस तरीके से किया जाएगा जिससे 1946 के दौर में जिस तरह से उत्सव का पालन किया जाता था उसकी एक झलक दिखाई जा सके।
पूजा समिति के सचिव अरिजीत मैत्रा ने कहा कि इसके माध्यम से सांप्रदायिक सद्भाव और सौहार्द बनाए रखने पर जोर दिया जाएगा और साथ ही साथ 1946 के उस दौर को ध्यान में रखा जाएगा जब त्यौहार का पालन सांप्रदायिक घटनाओं के होने से पहले किया गया था।
इसी साल उत्तर कोलकाता के प्रतिष्ठित पूजा क्लब कॉलेज स्क्वॉयर (College Square) पूजा का थीम वृंदावन में राधा कृष्ण के मंदिर पर आधारित होगी। पंडाल भी काफी बड़ा और भव्य होगा ताकि अधिक से अधिक संख्या में लोग आ सके। इसके अलावा, पंडाल के सामने झील में रंग-बिरंगी रोशनियों के जरिए देश की आजादी के लिए मर-मिट जाने वाले वीर सपूतों के बलिदान को उकेरा जाएगा।
बता दें कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamta Banerjee) ने इस हफ्ते राज्य के 40,000 से अधिक दुर्गा पूजा समितियों में से प्रत्येक के लिए वित्तीय सहायता को पिछले साल के 50,000 रुपये से बढ़ाकर 60,000 रुपये कर दिया, इसके अलावा बिजली बिल पर भी 60 प्रतिशत छूट की घोषणा की।