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Gujarat : राजकोट में बोले पीएम मोदी- 8 सालों में ऐसा कुछ नहीं किया जिससे सिर झुकाना पड़े


नई दिल्ली,   प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजकोट के अटकोट में नवनिर्मित मातुश्री केडीपी मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल उद्घाटन किया। ये अस्पताल 40 करोड़ की लागत से बना है। इस मौके पर एक जनसभा को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि  खुशी है कि नवनिर्मित माटुश्री केडीपी मल्टीस्पेश्यालिटी हॉस्पिटल का शुभारंभ हुआ। जनता जुड़ती है तो सेवा की शक्ति बढ़ जाती है। पीएम मोदी ने कहा कि आज गुजरात की धरती पर आया हूं तो मैं सिर झुकाकर गुजरात के सभी नागरिकों का आदर करना चाहता हूं। आपने मुझे जो संस्कार और शिक्षा दी, समाज के लिए जीने की बातें बताई, उसकी बदौलत मैंने मातृभूमि की सेवा में कोई कसर नहीं छोड़ी। मैंने किसी का सिर नहीं झुकने दिया।

पीएम बोले- इस मंत्र के जरिए विकास को नई गति दी 

पीएम मोदी ने कहा कि केंद्र में भाजपा के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार राष्ट्रसेवा के 8 साल पूरे कर रही है। सबका साथ-सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास के मंत्र पर चलते हुए हमने देश के विकास को नई गति दी है। हमारी सरकार सुविधाओं को शत प्रतिशत नागरिकों तक पहुंचाने के लिए अभियान चला रही है। जब हर नागरिक तक सुविधाएं पहुंचाने का लक्ष्य होता है तो भेदभाव भी खत्म होता है, भ्रष्टाचार की गुंजाइश भी नहीं होती।  पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि 26 मई को एनडीए सरकार ने अपने 8 साल पूरे किए हैं। इस दौरान हमारी सरकार ने कोई ऐसा काम नहीं किया है, जिससे जनता को सिर झुकाना पड़े। 6 करोड़ परिवारों को नल से जल दिया है। गरीबों की गरिमा सुनिश्चित की गई है। 3 करोड़ से ज्यादा गरीबों को घर दिए गए हैं। किसानों के खाते में सीधे पैसा जमा किए गए हैं। जब कोरोना के दौरान इलाज की जरूत बढ़ी तो हमने टेस्टिंग तेज कर दी। जब वैक्सीन की जरूरत आई तो हमने फ्री उपलब्ध कराया।

हर जिले में मेडिकल कॉलेज बनाना चाहते हैं: पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कहा कि 2001 से पहले यहां केवल 9 मेडिकल कॉलेज में सिर्फ 1100 सीटें थीं। आज आपको ये जानकर खुशी होगी कि अब यहां कुल 30 निजी और सरकारी मेडिकल कॉलेज हैं और 8 हजार सीटें हैं। हम हर जिले में मेडिकल कॉलेज बनाना चाहते हैं। पीएम ने कहा कि आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के माता-पिता भी चाहते हैं कि उनके बच्चे डॉक्टर बनें। लेकिन सबसे पहले एक बात पूछी जाती है कि क्या आप अंग्रेजी जानते हैं, यह अन्याय है। फिर हमने नियम बदल दिए और अब गुजराती शिक्षा पृष्ठभूमि के छात्र भी इंजीनियरिंग और मेडिकल पूरी कर सकते हैं।