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IIL ने भारत बायोटेक से मिलाया हाथ, Covaxin के प्रोडक्शन में 15 जून के बाद आएगी तेजी


  • इंडियन इम्यूनोलॉजिकल्स लिमिटेड (IIL) ने कोरोना वैक्सीन ‘कोवैक्सिन’ के लिए दवा पदार्थ बनाने को लेकर हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक के साथ भागीदारी की है. राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड, पशुपालन मंत्रालय के तहत एक सार्वजनिक उपक्रम IIL को देश में वैक्सीन पदार्थ उत्पादन बढ़ाने के लिए मिशन COVID सुरक्षा के तहत चुना गया है. इंडियन इम्यूनोलॉजिकल्स के प्रबंध निदेशक, डॉ के आनंद कुमार ने कहा कि विनिर्माण प्रक्रिया की तैयारी शुरू कर दी गई है और कंपनी पहले ही कुछ सफल ट्रायल कर चुकी है.

उन्होंने कहा, ‘इस COVID संकट के बीच, भारत में केवल कुछ वैक्सीन मैन्युफेक्चरिंग यूनिट्स हैं, लेकिन भारत की आबादी को देखते हुए देश को वैक्सीन की कई मिलियन खुराक की आवश्यकता है. देश में कोरोना वैक्सीनेश प्रोडक्शन को बढ़ाने के लिए हमने भारत बायोटेक के साथ एक प्रौद्योगिकी सहयोग समझौते किया है. इस समझौते के एक रूप में हम आईआईएल में भारत बायोटेक के लिए कोवैक्सिन ड्रग सबस्टेंस का निर्माण हैदराबाद में अपनी एक मैन्युफेक्चरिंग फैसिलिटी में करेंगे और निर्माण प्रक्रिया की तैयारी शुरू कर दी गई है और हमने पहले ही कुछ ट्रायल कर लिए हैं और वे सफल रहे हैं.’

ड्रग सबस्टेंस का उत्पादन 15 जून से होगा शुरू

उन्होंने कहा कि ड्रग सबस्टेंस का उत्पादन 15 जून से शुरू होगा और भारत बायोटेक जुलाई के अंत तक पहले बैच की उम्मीद कर रहा है. डॉ कुमार ने बताया कि इस निर्माण इकाई की क्षमता प्रति माह लगभग 2 से 3 मिलियन डोज की होगी. उन्होंने उल्लेख किया कि उसी विनिर्माण इकाई में एक नया संयंत्र भी स्थापित किया जा रहा है. डॉ. आनंद ने आगे कहा कि आईआईएल खुद एक वैक्सीन विकसित कर रहा है, जिसने अपना एनीमल ट्रायल कर लिया है और अगस्त 2021 से ह्यूमन ट्रायल शुरू करने में सक्षम होगा.

आईआईएल के प्रबंध निदेशक ने कहा, ‘कोरोना ड्रग सबस्टेंस के निर्माण के लिए करकापटला में आईआईएल के मौजूदा रेबीज एंटीजन मैन्युफेक्चरिंग ब्लॉक को मोडिफाई किया जाएगा. पीएसयू के पास एंटी-रेबीज वैक्सीन (एआरवी), पेंटावैलेंट वैक्सीन, हेपेटाइटिस-बी, डीपीटी और टेटनस टॉक्सोइड टीकों के निर्माण का अनुभव है. आईआईएल भारत सरकार के सार्वभौमिक टीकाकरण कार्यक्रम के लिए बाल चिकित्सा टीकों का एक प्रमुख आपूर्तिकर्ता रहा है.