नई दिल्ली, । वित्त और कॉर्पोरेट मामलों की मंत्री निर्मला सीतारमण अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) और वर्ल्ड बैंक की वार्षिक बैठकों में भाग लेने के लिए आज अमेरिका के लिए रवाना होंगी। वित्त मंत्री का दौरा 11 से 16 अक्टूबर तक होगा। इस दौरान सीतारमण जापान, दक्षिण कोरिया, सऊदी अरब, ऑस्ट्रेलिया, भूटान, न्यूजीलैंड, मिस्र, जर्मनी, मॉरीशस, यूएई, ईरान और नीदरलैंड सहित कई देशों के साथ द्विपक्षीय बैठकों में भाग लेंगी।
वित्त मंत्री Organisation for Economic Co-operation and Development (ओईसीडी), यूरोपीय आयोग और यूएनडीपी के नेताओं और प्रमुखों के साथ भी बैठक करेंगी। व्यापार जगत के कई नेताओं और दुनिया भर के निवेशकों के साथ भी उनका बातचीत का कार्यक्रम है। वह G20 के वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक के गवर्नरों की बैठकों में भी भाग लेंगी।
क्या है वित्त मंत्री का कार्यक्रम
वित्त मंत्रालय ने एक बयान में कहा है कि अपनी यात्रा के दौरान सीतारमण अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) और विश्व बैंक, G20 वित्त मंत्रियों की वार्षिक बैठकों में भाग लेंगी। अमेरिका की अपनी यात्रा के दौरान वह आपसी हित के मुद्दों पर चर्चा करने के लिए अमेरिकी ट्रेजरी सचिव जेनेट येलेन और विश्व बैंक के अध्यक्ष डेविड मलपास से अलग-अलग मुलाकात करेंगी। केंद्रीय मंत्री वाशिंगटन, डीसी में स्थित एक प्रमुख गैर-लाभकारी सार्वजनिक नीति संगठन, ब्रुकिंग्स इंस्टीट्यूशन में ‘भारत की आर्थिक संभावनाएं और विश्व अर्थव्यवस्था में भूमिका’ प्रायोजित एक सेमिनार में भी हिस्सा लेंगी। वह भारत के अनूठे डिजिटल पब्लिक गुड्स (डीपीजी) की विशेषताओं के बारे में चर्चा करेंगी। अपनी यात्रा के दौरान सीतारमण USIBC और USISPF के साथ भारत-अमेरिका कॉरिडोर में निवेश और नवाचार को मजबूत करने पर आयोजित बैठक में शामिल होंगी। इसके अलावा वह भारत की डिजिटल क्रांति में निवेश विषय पर गोलमेज बैठकों में भाग लेंगी।
क्या है इस यात्रा का मकसद
वित्त मंत्रालय ने अपने बयान में कहा है कि प्रमुख व्यापारिक नेताओं और निवेशकों के साथ इन बैठकों का उद्देश्य भारत की नीतिगत प्राथमिकताओं को उजागर करना है। इसके साथ ही इस यात्रा का उद्देश्य इन्वेस्टमेंट डेस्टिनेशन के रूप में भारत की खूबियों को दुनिया के सामने लाकर विदेशी निवेश को सुविधाजनक बनाने के उपायों पर विचार-विमर्श करना है।