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ITR Filing CA ले रहा है महंगी फीस! परेशान न हों इन तरीकों से खुद फाइल कर सकते हैं आईटीआर


नई दिल्ली, । आप भी अब रिटर्न फाइल कर सकते हैं। इसके लिए सरकार ने 31 जुलाई 2023 तक की समय सीमा दी है। अगर आप इस तारीख के बाद आईटीआर फाइल करते हैं तो आपको लेट फीस देनी होगी। हम सभी को कर देना होता है। सरकार हमारी इनकम के आधार पर टैक्स लेती हैं।

जब भी हम टैक्स का भुगतान करते हैं तो हमारे मन में कई तरह के सवाल आते हैं। इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करते समय हमें कई जरूरी डॉक्यूमेंट की आवश्यकता पड़ती है। कई बार करदाता को ऑडिट की जरूरत भी पड़ती है।

इसके लिए हम चार्टेड अकाउंटेंट पर डिपेंड होते हैं। आइए, आज हम आपको बताते हैं कि आप बिना सीए की मदद से कैसे आईटीआर फाइल कर सकते हैं।

इनकम टैक्स रिटर्न फाइल के लिए फॉर्म

जब भी हम आईटीआर फाइल करते हैं तो उसके लिए हमें फॉर्म भरना होता है। ये फॉर्म कई तरह के होते हैं। हमारी इनकम के आधार पर हमें फॉर्म भरना होता है। ऐसा माना जाता है कि अगर आप नौकरी करते हैं तो आप बड़ी आसानी से आईटीआर फाइल कर सकते हैं।

 

जो लोग बिजनेस करते हैं उनके लिए आईटीआर फाइल करना थोड़ा मुश्किल हो सकता है। जो भी टैक्सपेयर्स किसी कंपनी में काम कर रहे हैं उन्हें इनकम टैक्स एक्ट की धारा 44 एबी के तहत फॉर्म 3 दाखिल करना जरूरी होता है।

ऑडिट कराना भी है जरूरी

अगर आप साल में 1 करोड़ से ज्यादा कमाते हैं तो आपको आपको अपना अकाउंट ऑडिट करवा लेना चाहिए। आप किसी अच्छे अकाउंटेंट से ही ऑडिट करवाएं। ऐसे में अकाउंटेंट आपकी सभी जानकारी को सही से जांच कर पाएगा। आपको बता दें कि एक गलत डिटेल्स दर्ज करने के बाद आपके खिलाफ इनकम टैक्स का नोटिस भी आ सकता है।

अगर कोई टैक्सपेयर्स फॉर्म 3 जमा करने के बाद 8 फीसदी से ज्यादा का लाभ कमाते हैं तब धारा 44 एडी और 44 एबी के तहत आपका अकाउंट ऑडिट नहीं होगा। आपको अपने इनकम के आधार पर टैक्स स्लैब के अनुसार ही टैक्स का भुगतान करना होता है।

इन इनकम पर नहीं करना होता है ऑडिट

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2021 में कहा कि जो भी टैक्सपेयर्स फॉर्म 3 भरते हैं और 95 फीसदी तक का लेनदेन डिजिटल तौर पर करते हैं उनको 10 करोड़ तक की इनकम पर ऑडिट नहीं करना होगा। अगर आप या फिर कोई कंपनी धारा 44 एडी के तहत अनुमानित टैक्सेशन स्कीम को सिलेक्ट करते हैं तब उनको आईटीआर फॉर्म 4 भरना होगा।

अगर आप फॉर्म 3 का ऑडिट नहीं कराते हैं तो आपको जुर्माना का भुगतान करना होगा। यह चार्ज 0.5% या 1.5 लाख रुपये तक की हो सकती है।