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पंजशीर की जंग रोकने के लिए अहमद मसूद तालिबान से बातचीत को तैयार


  • अफ़ग़ानिस्तान के पंजशीर में जारी संघर्ष के बीच विरोधी समूह ने कहा है कि उनके दरवाज़े तालिबान के साथ शांति वार्ता के लिए खुले हुए हैं.

अहमद मसूद ने कहा है कि उन्होंने एक योजना का समर्थन किया है जिसे धार्मिक नेताओं ने आगे बढ़ाया है जो कि एक समझौते के लिए है और उन्होंने तालिबान से संघर्ष समाप्त करने को कहा है.

इससे पहले आई रिपोर्ट में बताया गया था कि तालिबान ने पंजशीर में तेज़ी से अपनी पकड़ बनाई है.

राजधानी काबुल से उत्तर में मौजूद इस प्रांत ने तालिबान के शासन के ख़िलाफ़ विद्रोह दिखाया है.

तीन सप्ताह पहले 15 अगस्त को तालिबान ने अफ़ग़ानिस्तान पर क़ब्ज़ा कर लिया था और पश्चिम समर्थित सरकार अपने आप गिर गई थी.

अहमद मसूद ने क्या कहा

एक फ़ेसबुक पोस्ट में तथाकथित नेशनल रेसिस्टेंस फ़्रंट ऑफ़ अफ़ग़ानिस्तान (NRF) के प्रमुख मसूद ने कहा कि वो लड़ाई रोकने को तैयार हैं, अगर तालिबान हमले बंद कर दे.

तालिबान की ओर से तुरंत कोई जवाब अब तक नहीं आया है.

पंजशीर एक घाटी है जिसमें 1.5 से 2 लाख लोग रहते हैं. 1980 में सोवियत रूस के क़ब्ज़े और 1996 से 2001 के बीच तालिबान के शासन के दौरान भी यह विद्रोह का केंद्र रहा है.

NRF ने कहा है कि संघर्ष के दौरान उसके प्रवक्ता फ़हीम दश्ती और कमांडर जनरल अब्दुल वदूद ज़ारा की मौत हुई है जबकि एक प्रसिद्ध तालिबान जनरल और 13 बॉडीगार्ड्स की भी मौत हुई है.

इससे पहले तालिबान ने कहा था कि उसके लड़ाके प्रांतीय राजधानी बज़ारक में दाख़िल हो गए हैं और वहां पर उन्होंने बहुत नुक़सान पहुंचाया है. हालांकि, NRF ने इसे ख़ारिज किया है.