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Jharkhand : हेमंत ही नहीं भाजपा विधायक समरीलाल की भी विधानसभा सदस्यता हो सकती है रद


रांची, । Jharkhand Political Crisis झारखंड में कुल आठ विधायकों की विधानसभा सदस्यता इस समय खतरे में है। इनमें झामुमो के तीन विधायक यानी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, विधायक बसंत सोरेन और पेयजल स्वच्छता मंत्री मिथिलेश कुमार ठाकुर, भाजपा के विधायक बाबूलाल मरांडी व विधायक समरी लाल तथा कांग्रेस के विधायक इरफान अंसारी, विधायक नमन विक्सल कोनगाड़ी व राजेश कच्छप शामिल हैं। लेकिन सबसे पहले जिन दो विधायकों की बारी है उनमें मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, बाबूलाल मरांडी व समरी लाल शामिल हैं। इसके बाद बसंत सोरेन और इरफान अंसारी, नमन विक्सल कोनगाड़ी व राजेश कच्छप की बारी आने की संभावना है।

राजभवन कभी भी सुना सकता हेमंत पर फैसला

हेमंत सोरेन के बारे में भारत निर्वाचन आयोग अपना मंतव्य झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस को भेज चुका है। राज्यपाल ने पिछले दिनों कहा था कि चंद रोज में वह चुनाव आयोग के फैसले से हेमंत सोरेन और विधानसभा अध्यक्ष को अवगत करा देंगे। इस बीच वह इलाज के लिए दिल्ली चले गए थे। अब वह झारखंड आ चुके हैं। कभी भी फैसला सार्वजनिक कर सकते हैं। इसी संभावना को देखते हुए गुरुवार को राजभवन की सुरक्षा भी बढ़ा दी गई है। यह आशंका बनी हुई है कि फैसला सार्वजनिक होने के बाद कहीं झामुमो कार्यकर्ता सड़क पर न उतर आएं।

बाबूलाल मरांडी की विधायकी पर भी संकट

उधर, इस विधानसभा स्पीकर भी फैसले की प्रतीक्षा कर रहे हैं। जैसे ही यह फैसला आएगा, भाजपा विधायक बाबूलाल मरांडी के बारे में भी फैसला सुनाया जा सकता है। क्योंकि स्पीकर न्यायाधिकरण ने बाबूलाल मरांडी की सुनवाई पूरी कर फैसला सुरक्षित रखा है। यह माना जा रहा कि हेमंत सोरेन के बाद बाबूलाल मरांडी के बारे में भी फैसला सुनाकर हिसाब बराबर करने की कोशिश होगी। बाबूलाल मरांडी पर आरोप है कि उन्होंने झाविमो के चुनाव चिह्न पर चुनाव लड़ा। चुनाव जीतने के बाद बिना प्रक्रिया का पालन किए भाजपा में शामिल हो गए।

समरी लाल को चुनाव आयोग ने भेजा नोटिस

ताजा अपडेट यह है कि भाजपा विधायक समरी लाल की विधानसभा सदस्यता रद किए जाने के मामले में भारत निर्वाचन आयोग ने उन्हें नोटिस जारी कर दिया है। चुनाव आयोग ने उनसे 15 दिनों में जवाब मांगा है। इस संबंध में सुरेश बैठा की ओर से स्पीकर को आवेदन दिया गया था। स्पीकर ने और आवेदन को राज्यपाल रमेश बैस को अग्रेषित करते कहा कि इसपर भी कार्रवाई की जा सकती है। जिस पर राज्यपाल ने इस आवेदन पर निर्वाचन आयोग से मंतव्य मांगा था। उसके बाद चुनाव आयोग ने समरी लाल को नोटिस जारी किया है। बता दें कि समरी लाल पर फर्जी जाति प्रमाणपत्र के आधार पर चुनाव लड़ने का आरोप साबित हो चुका है। सरकार उनका जाति प्रमाणपत्र रद कर चुकी है। सरकार ने इसके लिए बकायदा एक जांच समिति बनाई थी। उस समिति ने यह पाया कि प्रमाणपत्र गलत तरीके से बनाया गया है। इतना ही नहीं दूसरे राज्य के होने के नाते उन्हें झारखंड में आरक्षण का लाभ नहीं मिल सकता है। ऐसे में अब चुनाव आयोग इनकी सदस्यता पर फैसला सुना सकता है।

कांग्रेस विधायकों की सदस्यता पर लटकी तलवार

कांग्रेस विधायक इरफान अंसारी, नमन विक्सल कोनगाड़ी और राजेश कच्छप मामले की सुनवाई स्पीकर न्यायाधिकरण में चल रही है। विधायकों ने स्पीकर से आठ हफ्ते का समय मांग रखा है। लेकिन शिकायतकर्ता कांग्रेस विधायक दल के नेता आलमगीर आलम के वकील ने इस मामले की शीघ्र सुनवाई और फैसले की मांग रखी है। इन विधायकों पर आरोप है कि भाजपा के साथ मिलकर दल बदल करने वाले थे। हेमंत सोरेन सरकार गिराने की साजिश रची थी। तीनों नकद रुपयों के साथ कोलकाता में गिरफ्तार किए गए थे।