श्रीनगर। सुरक्षाबलों ने उत्तरी कश्मीर के सोपोर में लश्कर-ए-तैयबा के आतंकियों का एक सहयोगी को हथियारों के साथ पकड़ा है। वहीं, कुपवाड़ा में सुरक्षाबलों ने तलाशी अभियान में आतंकियों के एक पुराने ठिकाने का पता लगा उसे नष्ट कर दिया।
इस आतंकी ठिकाने असाल्ट राइफल के 400 कारतूस और एक ग्रेनेड व पिस्तौल बरामद हुई है। बारामुला जिले की सोपोर पुलिस को रविवार की देर शाम पता चला था कि लश्कर का एक आतंकी मददगार मारुती कार में घूम रहा है। वह हथियारों की एक खेप किसी जगह पहुंचाने की कोशिश में था।
मारुती कार में घूम रहा आतंकियों का मददगार
इस सूचना के आधार पर पुलिस ने सेना और सीआरपीएफ के जवानों के साथ मिलकर सोपोर के माच्छीपोरा, बोम्मई और उसके साथ सटे इलाकों में विशेष नाके लगाए।
माच्छीपोरा में नाका पार्टी ने मारुती कार (जेकेए01एके-4452) को रुकने का संकेत किया। कार चालक ने नाका पार्टी को देखकर वाहन को पीछे की तरफ मोड़कर भागने का प्रयास किया। नाका पार्टी ने उसका पीछा किया और कार को रोककर कार चालक को पकड़ लिया।
कार से बरामद हुए ये खतरनाक हथियार
कार चालक की पहचान वहीद उल जहूर के रूप में हुई है। वह रफियाबाद के हादीपोरा का रहने वाला है और बीते कुछ समय से श्रीनगर के मुस्तफाबाद एचएमटी में रह रहा है।
उसकी निशानदेही पर कार में छिपाकर रखे गए तुर्किये निर्मित दो पिस्तौल, तीन मैगजीन, 41 कारतूस, दो चाइनीज ग्रेनेड, पिस्तौल का एक साइलेंसर और आइईडी बनाने का सामान बरामद किया। पूछताछ में पता चला कि वहीद उल जहूर लश्कर का मददगार है।
वह नौ जून को हादीपोरा सोपोर में सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में मारे गए लश्कर के दो विदेशी आतंकियों के साथ भी कथित तौर पर संपर्क में था।
संबंधित सूत्रों ने बताया कि उससे पूछताछ में यह पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है कि उसकी कार में जो हथियार व अन्य सामान मिला है, वह श्रीनगर से लाया था या फिर सोपोर से श्रीनगर में पहुंचाने का प्रयास कर रहा था।
सुरक्षाबलों ने कुपवाड़ा में आतंकियों का ठिकाना नष्ट किया
इस बीच, कुपवाड़ा से मिली एक अन्य सूचना के मुताबिक, दार्दपोरा के जंगल में तलाशी ले रहे सुरक्षाबलों ने आतंकियों के एक ठिकाने का पता लगाया। सुरक्षाबलों ने इस ठिकाने की तलाशी के दौरान जंग लगे आठ मैगजीन, असाल्ट राइफल के 400 कारतूस, तीन मैगजीन, 13 कारतूस व एक पिस्तौल और एक ग्रेनेड बरामद किया है।
अधिकारियों ने बताया कि यह ठिकाना काफी पुराना लगता है और काफी समय से इस्तेमाल में नहीं था। इस ठिकाने को नष्ट कर दिया गया है ताकि इसका दोबारा इस्तेमाल न हो सके।