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Kerala: मानव बलि मामले में मानव अंग व्यापार की संभावना को केरल पुलिस ने किया खारिज


नई दिल्ली। मानव बलि मामले में केरल पुलिस को अब तक इस बात का सबूत नहीं मिल पाया है कि दोनों महिलाओं की हत्या अंग तस्करी के हिस्से के रूप में अंजाम दी गई थी।

कोच्चि शहर के पुलिस आयुक्त सीएच नागराजू, जांच टीम का नेतृत्व कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मामले का मुख्य आरोपी मोहम्मद शफी पुलिस को गुमराह करने के लिए नई -नई कहानियां बना रहा है। उन्होंने कहा कि सभी पहलुओं की जांच की जा रही है।

शवों का हुआ मेडिकल जांच

केरल पुलिस ने बताया कि शवों को टुकड़ों में काट दिया गया था। लेकिन इसके बावजूद मेडिकल टीम ने अच्छा काम किया और शवों का परीक्षण किया। उन्होंने कहा कि अब हमारा काम महिलाओं की हत्या का मकसद तलाश करना है।

बता दें कि राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने केरल के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को नोटिस जारी कर मामले की जांच की स्थिति और पीड़ितों के परिवारों को भुगतान किए गए मुआवजे सहित 4 सप्ताह के भीतर इस मामले में एक रिपोर्ट मांगी है।

पिछले हफ्ते मिली थी लाश

पिछले हफ्ते केरल पुलिस की जांच टीम ने पथानामथिट्टा जिले में दो महिलाओं की संदिग्ध मानव बलि के मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया था। इसमें मुख्य आरोपी मोहम्मद शफी,युगल सिंह और उसकी पत्नी लैला है। इन हत्याओं का मास्टरमाइंड शफी था जिसने दोनों महिलाओं को अपने घर पर बुलाया था।

शफी ने 2019 में सोशल मीडिया के जरिए युगल सिंह से दोस्ती की थी और उन्हें भरोसा दिलाया था कि अगर वह मानव बलि देते है तो उन्हें उच्च दर्जा मिलेगा। 12 अक्टूबर को तीनों आरोपियों को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था। बता दें कि इस मामले के बाद केरल सरकार ने उच्च न्यायालय को सूचित किया कि बहुत जल्द वे काले जादू के खिलाफ एक नया कानून लाएंगे।