समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत में लखनऊ के लुलु माल से जुड़े सवाल पर सपा नेता आजम खां ने कहा कि ना तो उन्होंने लुलु माल देखा है ना उनको उसके बारे में कुछ पता है। उन्होंने कहा कि ‘अमां हमने लुलु नहीं देखा। हम आज तक किसी माल में गए ही नहीं। जो लोग जानते हैं उनसे पूछिए लुलु, लोलो, टीलू, टोलू…क्या मतलब है और कोई काम ही नहीं है।’
लखनऊ में लुलु माल खुलने के बाद से ही चर्चा में है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने 10 जुलाई को इसका उद्घाटन किया था और 11 जुलाई से आम जनता के लिए खोल दिया गया है। उद्घाटन के तीन दिन बाद ही 13 जुलाई को लुलु माल के भीतर नमाज पढ़ने का वीडियो वायरल हो गया। लेकिन ये मामला यहीं तक नहीं थमा।
इसके बाद कुछ संगठनों ने वहां हनुमान चालीसा और सुंदरकांड पढ़ने की धमकी दी। कुछ लोग तो माल में हनुमान चालीसा पढ़ने तक पहुंच गए। विरोध के बाद लुलु माल प्रशासन को नोटिस लगाने पड़े थे कि माल में पूजा या नमाज की इजाजत नहीं है। इस मामले में एफआईआर भी दर्ज कराई गई थी।
इस बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 18 जुलाई की रात कहा कि लखनऊ प्रशासन को बहुत गंभीरता से इसे लेना चाहिए और इस प्रकार की किसी भी शरारत को स्वीकार नहीं करना चाहिए। उसे ऐसे तत्वों से सख्ती से निपटना चाहिए जो अनावश्यक मामलों को बढ़ावा देकर माहौल खराब करने का प्रयास करते हैं।
एक्शन में आई यूपी पुलिस ने 19 जुलाई को लुलु माल में नमाज पढ़ने के चार आरोपियों को गिरफ्तार किया, जबकि चार अन्य की तलाश की जा रही है। पुलिस कहना है कि कि आरोपियों में से कोई भी लुलु मॉल का कर्मचारी नहीं है। उनकी पहचान मो रेहान और आतिफ खान, मो लोकमान और मो नोमान के रूप में की गयी। सभी लखनऊ के रहने वाले हैं।