नई दिल्ली। नेटफ्लिक्स पर इस हफ्ते माई वेब सीरीज रिलीज हुई है। माई एक क्राइम-इनवेस्टिगेटिव- थ्रिलर सीरीज है, जिसमें एक मां की अपनी बेटी के कातिल और कारण की खोज की कहानी दिखायी गयी है और इसी क्रम में बात बदले तक पहुंच जाती है। सीरीज का टाइटल माई यानी मां आपको श्रीदेवी की मॉम और रवीना टंडन की मातृ की याद दिलाता है। इन दोनों फिल्मों की कहानी भी तकरीबन ऐसे ही विषय पर आधारित थी।
माई में उसी विचार को सीरीज के रूप में विस्तार दे दिया गया है। सीरीज का निर्माण क्लीन स्लेट्ज फिल्म्ज ने किया है। वही बैनर, जिसने पाताललोक जैसी सीरीज दी है। सीरीज के निर्देशक डेब्यूटेंट अतुल मोंगिया और फिल्लौरी वाले अंशय लाल हैं। साक्षी तंवर, वामिका गब्बी और राइमा सेन की मुख्य भूमिकाओं वाली माई टुकड़ों में प्रभावित करती है और असर छोड़ती है। 42 से 54 मिनट के छह एपिसोड्स में फैली सीरीज की सबसे बड़ी ताकत साक्षी तंवर का अभिनय है। साक्षी भारतीय मनोरंजन जगत का घर-घर में पहुंचा हुआ नाम है और यह सीरीज उन्हीं के कंधों पर टिकी है।
शील चौधरी एक मध्यमवर्गीय परिवार की महिला है, जिसकी आंखों के सामने उसकी बेटी सुप्रिया को एक ट्रक कुचलकर निकल जाता है। शुरुआत में तो यह महज दुर्घटना लगती है, मगर धीरे-धीरे पता चलता है कि यह महज सड़क दुर्घटना का मामला नहीं है, इसके पीछे बड़ी साजिश है। इसके बाद शील अपनी बेटी के कातिलों और इसकी वजह की खोज में नकल पड़ती है और एक प्राइवेट जासूस की तरह कड़ियों को जोड़ने की कोशिश करती है। शील और सुप्रिया के ट्रैक के समानांतर स्पेशल पुलिस फोर्स ऑफिसर फारुख सिद्दीकी (अंकुर रतन) का ट्रैक चलता है, जो एक बहुत बड़े मेडिकल स्कैम और मनी लॉन्ड्रिंग मामले का खुलासा करने वाला है। इस मामले के पीछे जवाहर (प्रशांत नारायण) और उसकी पार्टनर नीलम (राइमा सेन) है। नीलम रघु (सौरभ दुबे), केशव, प्रशांत (अनंत विधात) और शंकर (वैभव राज गुप्ता) के साथ मिलकर कारोबार चलाती है।