- नई दिल्ली। राज्यसभा में सरकार और विपक्ष के बीच बना गतिरोध शुक्रवार को भी नहीं दूर हो सका और विभिन्न मुद्दों पर विपक्षी दलों के सदस्यों के हंगामे के कारण उच्च सदन की बैठक सुबह शुरू होने के करीब 10 मिनट बाद ही स्थगित कर दी गयी।
पेगासस जासूसी मामले एवं तीन केंद्रीय कृषि कानूनों के मुद्दों पर लोकसभा में सत्ता पक्ष एवं विपक्ष के बीच गतिरोध शुक्रवार को भी बना रहा। कांग्रेस ने पेगासस जासूसी मामले पर तत्काल चर्चा कराने की मांग की जबकि सरकार ने इस मांग को खारिज करते हुए कहा कि यह कोई मुद्दा ही नहीं है।
आज सबुह कार्यवाही शुरू होने पर कांग्रेस सहित कुछ विपक्षी दलों के सदस्यों ने इन मुद्दों पर निचले सदन में भारी हंगामा किया। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने शोर- शराबे के बीच ही आधे घंटे तक प्रश्नकाल की कार्यवाही को चलाया। विपक्षी सदस्यों का हंगामा जारी रहने पर बिरला ने सदन की कार्यवाही को दोपहर 12 बजे तक के लिये स्थगित कर दिया।
सुबह राज्यसभा की बैठक शुरू होते ही सभापति एम वेंकैया नायडू ने हंगामा करने वाले सदस्यों के आचरण पर आपत्ति जतायी और कहा कि सदन में सीटी बजाना शोभनीय नहीं है। उन्होंने कहा कि ऐसे आचरण से सदन की गरिमा प्रभावित होती है।
इसके बाद कांग्रेस सदस्य केसी वेणुगोपाल ने कहा कि उन्होंने अपने एक सवाल के जवाब को लेकर स्वास्थ्य राज्य मंत्री के खिलाफ विशेषाधिकार नोटिस दिया है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य मंत्रालय के जवाब में कहा गया था कि देश में कोविड महामारी की दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन की कमी के कारण कोई मौत नहीं हुयी।
इस पर सभापति ने कहा कि उनके नोटिस के संबंध में प्रक्रिया जारी है। इसके बाद तृणमूल कांग्रेस के सुखेंदु शेखर राय ने कहा कि पिछले पांच साल से नियम 267 के तहत कोई नोटिस स्वीकार नहीं किया गया है। इस पर सभापति नायडू ने कहा कि नियम 267 के तहत नोटिस स्वीकार करने पर सदन का पूर्वनिर्धारित कामकाज स्थगित करना होता है और इसका विरले ही उपयोग होता है। उन्होंने कहा कि आजकल उन्हें नोटिस 267 के तहत रोजाना कई नोटिस मिलते हैं।