जयपुर, मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के बाद अब राजस्थान में भाजपा प्रत्याशियों की पहली सूची कभी भी जारी हो सकती है। पार्टी ने दो दर्जन विधानसभा से अधिक सीटों पर प्रत्याशियों के नाम तय कर लिए हैं। इन नामों पर प्रदेश कोर कमेटी में बनी सहमति के बाद पार्टी के राष्ट्रीय नेतृत्व ने भी सहमति जताई है।
मजबूत और कमजोर सीटों पर घोषित होंगे प्रत्याशियों के नाम
भाजपा प्रत्याशियों की पहली सूची में अधिकांश उन सीटों को शामिल कर रही है, जिस पर उसकी स्थिति मजबूत है। साथ ही करीब पांच से छह सबसे कमजोर मानी जाने वाली सीटों पर भी प्रत्याशियों के नाम पहली सूची में जारी हो सकते हैं।
दो हफ्ते पहले राष्ट्रीय नेतृत्व ने मांगी थी प्रत्याशियों की सूची
भाजपा के राष्ट्रीय नेतृत्व ने कोर कमेटी में शामिल नेताओं से करीब दो हफ्ते पहले 65 सीटों पर संभावित प्रत्याशियों के नामों की सूची मांगी थी। इन नेताओं ने अपनी-अपनी सूची नेतृत्व को सौंपी थी। इनमें से दो दर्जन सीटों पर सभी नेताओं के बीच एक नाम पर सहमति बनी। ऐसे में इन सीटों पर प्रत्याशियों के नाम को पहली सूची में शामिल किया जा सकता है।
कोर कमेटी के एक नेता ने बताया कि लोकसभा सांसद सांसद दीया कुमारी, सुखबीर सिंह जौनापुरिया और राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा को विधानसभा चुनाव लड़वाने पर लगभग सहमति बन गई है। सूत्रों के अनुसार, पहली सूची में पूर्व सीएम वसुंधरा राजे, प्रतिपक्ष के नेता राजेंद्र राठौड़, उप नेता सतीश पूनिया, किरोड़ी लाल मीणा व दीया कुमारी के नाम शामिल होंगे।
पहली सूची में इन सीटों के नाम होंगे शामिल
राजस्थान की 200 विधानसभा क्षेत्रों में से भाजपा बूंदी, कोटा दक्षिण, लाडपुरा, रामगंजमंडी, झालारापाटन, खानपुर, आसिंद, भीलवाड़ा, विधाधर नगर, सांगानेर, उदयपुर, राजसमंद, अजमेर उत्तर और अजमेर दक्षिण, ब्यावर, बीकानेर पूर्व, रतनगढ़, अलवर शहर, सोजत, पाली, बाली, सूरसागर, चौमू, फुलेरा और झोटवाड़ा सीटों पर मजबूत स्थिति में है।
कोर कमेटी ने राष्ट्रीय नेतृत्व को सौंपे नाम
कोर कमेटी के सदस्यों ने नाम राष्ट्रीय नेतृत्व को सौंपे थे। ये सीटें भाजपा की सबसे मजबूत मानी जाती है। साथ ही पिछले दो से तीन चुनाव में जिन पांच से छह सीटों पर प्रत्याशियों की हार हुई है। उनके नाम भी पहली सूची में होंगे। सूत्रों के अनुसार भाजपा के लिए सबसे कमजोर सीटों में नवलगढ़, सिकराय, लालसोट, फतेहपुर, दांतारामगढ़, वल्लभनगर, बाड़ी, बस्सी, टोड़ाभीम, नाथद्वारा, बागीदौरा, सांचौर और सरदारपुरा शामिल है।
सांसदों और वरिष्ठ नेताओं के स्वजनों को नहीं मिलेगा टिकट
कोर कमेटी के एक सदस्य ने बताया राष्ट्रीय नेतृत्व से साफ निर्देश है कि किसी भी सांसद या वरिष्ठ नेता के स्वजन को टिकट नहीं दिया जाएगा। सांसद जसकौर मीणा अपनी पुत्री अर्चना को सवाईमाधोपुर, राहुल कस्वा अपने पिता रामसिंह को सादुलशहर, विधायक सूर्यकांता व्यास अपने पुत्र और टिकट दिलवाना चाहते हैं, लेकिन पार्टी की तय गाइडलाइन के अनुसार इनका चुनाव लड़ना मुश्किल माना जा रहा है।
15 सीटों में से तीन पर ही मिली थी जीत
स्वजनों को चुनाव नहीं लड़वाने को लेकर यह तर्क है कि 2018 के चुनाव में भाजपा ने 15 सीटों पर नेताओं के स्वजनों को टिकट दिया था। इनमें से तीन ही जीत सके, बाकी एक दर्जन सीट हार गए थे। ऐसे में पार्टी का मानना है कि मतदाता परिवारवाद को पसंद नहीं करते हैं।