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Mumbai : लड़की को आइटम कहना अपमानजनक, ऐसे रोड साइड रोमियो को सबक सिखाना जरूरीः कोर्ट


मुंबई, : महाराष्ट्र में मुंबई (Mumbai) के डिंडोशी सत्र अदालत ने एक नाबालिग लड़की को आइटम कहने और उसका उत्पीड़न करने के दोषी मोहम्मद अबरार खान को डेढ़ साल जेल और 500 रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई है। अबरार पीड़िता को चिढ़ाता था और उसे ‘आइटम’ कहता था।

कोर्ट ने यह भी कहा

समाचार एजेंसी एएनआइ के मुताबिक, डिंडोशी कोर्ट के 28 पन्नों के आदेश में कहा गया है कि आइटम का इस्तेमाल आमतौर पर लड़कों द्वारा अपमानजनक अंदाज में लड़कियों को संबोधित करने के लिए किया जाता है, क्योंकि यह उन्हें यौन तरीके से आब्जेक्टिफाई करता है। महिलाओं की सुरक्षा के लिए ऐसे अपराधियों को सबक सिखाने के लिए अनुचित व्यवहार करने वाले रोड साइड रोमियो को सबक सिखाना जरूरी है।

बिना सबूत पति को अय्याश व शराबी बता कर बदनाम करना ‘क्रूरता’

आइएएनएस के मुताबिक, बांबे हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में कहा है कि आरोपों को साबित किए बिना एक पति को अय्याश और ”शराबी” कहकर बदनाम करना ”क्रूरता” है। जस्टिस नितिन जामदार और जस्टिस शर्मिला देशमुख की खंडपीठ ने 50 वर्षीय विधवा महिला और उसके सेवानिवृत्त सेना प्रमुख पति, जिनकी मुकदमे की सुनवाई के दौरान मृत्यु हो गई थी, के मामले में पुणे की परिवार अदालत द्वारा नवंबर 2005 के तलाक के आदेश को बरकरार रखा। पति की मौत के बाद उनके कानूनी वारिसों को मामले में पक्षकार बनाया गया था। सुनवाई के दौरान महिला ने दावा किया कि उसका दिवंगत पति अय्याश और शराबी था। उसके दोषों के कारण, वह अपने वैवाहिक अधिकारों से वंचित रही।

कोर्ट ने यह बात भी कही

पति के वकील ने अदालत को सूचित किया कि याचिकाकर्ता ने इस तरह के झूठे और मानहानिकारक आरोप लगाकर उनके मुवक्किल को मानसिक पीड़ा दी थी। आदेश में खंडपीठ ने कहा कि महिला ने अपने पति के आचरण को लेकर उसके खिलाफ इस तरह के अनुचित और झूठे आरोप लगाए। इससे समाज में उसकी प्रतिष्ठा नुकसान पहुंचा। यह कृत्य क्रूरता के समान है। अपने पति के खिलाफ अपने स्वयं के बयानों के अलावा महिला कोई सबूत पेश नहीं कर सकी।