नई दिल्ली, । आयकर विभाग ने NSE के पूर्व एमडी चित्रा रामकृष्णन (Former MD Chitra Ramkrishna) के परिसरों में छापेमारी की है। सेबी समूह संचालन अधिकारी और प्रबंध निदेशक के सलाहकार के रूप में आनंद सुब्रमण्यम की नियुक्ति से संबंधित प्रतिभूति अनुबंध नियमों में कथित उल्लंघन में उनकी भूमिका की जांच कर रहा है। यह फैसला उच्च स्तर पर लिया गया है और टीमों को सुबह से ही रामकृष्ण से जुड़े परिसरों की तलाशी के लिए लगाया गया है। छापेमारी विभाग की मुंबई जांच शाखा द्वारा की जा रही है।
यह कदम SEBI द्वारा आरोप लगाए जाने के कुछ दिनों बाद लिया गया है, जिसमें कहा गया है कि नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के पूर्व प्रमुख एक ‘अज्ञात व्यक्ति’ के साथ स्टॉक एक्सचेंज के बारे में गोपनीय जानकारी का संचार करते थे। नियामक ने आरोप लगाया कि रामकृष्ण ने एनएसई के पांच साल के वित्तीय अनुमान, लाभांश भुगतान अनुपात, एक्सचेंज की व्यावसायिक योजनाओं और एनएसई की बोर्ड बैठक के एजेंडे जैसी गोपनीय जानकारी ‘अज्ञात व्यक्ति’ के साथ साझा की थी।
शुक्रवार को जारी नियामक के 190-पृष्ठ के आदेश के अनुसार सेबी के सामने अपने सबमिशन में रामकृष्ण ने कहा कि वह व्यक्ति एक ‘सिद्ध पुरुष’ या ‘योगी’ था, वह एक ‘परमहंस’ है। सेबी ने एनएसई, रामकृष्ण, पूर्व सीईओ रवि नारायण और दो अन्य को समूह संचालन अधिकारी और प्रबंध निदेशक के सलाहकार के रूप में आनंद सुब्रमण्यम की नियुक्ति से संबंधित प्रतिभूति अनुबंध नियमों का उल्लंघन करने के लिए दंडित किया।
NSE का कहना है कि उक्त आदेश 2013-2016 की अवधि के दौरान एनएसई में कुछ मुद्दों से संबंधित है और इसलिए लगभग 6-9 वर्ष पुराना है। इस संबंध में पिछले कुछ वर्षों में एनएसई में बोर्ड और प्रबंधन स्तर पर कई बदलाव हुए हैं। सेबी एनएसई और अन्य एमआईआई के संचालन की बारीकी से निगरानी और पर्यवेक्षण कर रहा है। बयान के अनुसार, एनएसई ने वर्षों से विभिन्न मामलों पर सेबी के निर्देशों का संचालन किया है और टेक्नोलॉजी वास्तुकला सहित नियंत्रण पर्यावरण को और मजबूत करने के लिए विभिन्न उपाय किए हैं।