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Pariksha Pe Charcha की जानें 10 खास बातें, पीएम मोदी ने दिए छात्रों समेत पैरेंट्स और टीचरों को खास टिप्‍स


नई दिल्‍ली प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने शुक्रवार को छात्रों के बीच परीक्षा पर चर्चा कर उनकी इससे जुड़ी समस्‍याओं का समाधान करने की कोशिश की। इस दौरान देशभर के छात्र जुटे। कुछ छात्र सीधेतौर पर दिल्‍ली स्थित तालकटोरा स्‍टेडियम से इसमें शामिल हुए तो कुछ वर्चुअल तौर पर इसमें शामिल हुए। इस कार्यक्रम के दौरान छात्रों के अलावा अभिभावकों और शिक्षकों ने भी पीएम मोदी से सवाल किए। पीएम मोदी ने कार्यक्रम की शुरुआत में कहा कि बीते दो वर्षों में कोरोना महामारी की वजह से वो सीधेतौर पर छात्रों से नहीं जुड़ सके थे।   

1- बच्‍चों की इच्‍छाओं को जानना जरूरी 

पीएम मोदी ने एक छात्रा के सवाल का जवाब देते हुए अभिभावकों और शिक्षकों को कहा कि वो बच्‍चों को और उनकी इच्‍छाओं को पहचाने। उन्‍होंने कहा कि अभिभावक अपनी इच्‍छाओं को थोपने का काम न करें। ऐसा ही काम शिक्षकों को भी करना होगा। ये जरूरी नहीं है कि छात्र उस पर खरा उतरे जो वो चाहते हैं, बल्कि इसके लिए उन्‍हें बच्‍चे को जानना जरूरी होगा। ऐसा कर वो बच्‍चे की क्षमता को निखार सकेंगे।

2- परीक्षा को बनाएं त्‍योहार 

पीएम मोदी ने कहा कि परीक्षा के दौरान आने वाले त्‍योहारों से अक्‍सर बच्‍चे दूर हो जाते हैं। ऐसे में वो उसको एन्‍ज्‍वाय नहीं कर पाते हैं। इसलिए चाहिए कि परीक्षा को ही त्‍योहार बना दिया जाए और इसको पूरा एन्‍ज्‍वाय किया जाए।

3- दबाव से रहे दूर

पीएम मोदी ने छात्रों से कहा कि वो हमेशा अपना विश्‍लेषण करते रहे। इसके लिए वो दूसरों पर निर्भर न रहें। उन्‍होंने ये भी कहा कि जिस प्रक्रिया से आप गुजरे हैं, उसको आप कतई छोटा समझने की भूल नहीं करें। अपने अभिभावकों की सिंंपेथी का विचार भी मन में न लाएं बल्कि खुद इसका समाधान निकालें और इसका डट कर सामना करें। जितना सहज आप अन्‍य दिनों में रहते हैं उतने ही सहज परीक्षा के दिनों में भी रहो।

4- डिजिटल गैजेट एक विकल्‍प 

परीक्षा पे चर्चा के दौरान उन्‍होंने कोरोना महामारी का जिक्र करते हुए कहा कि बच्‍चों ने इस दौरान आनलाइन पढ़ाई की, लेकिन ये एक समस्‍या भी बन गई। इसके बाद भी ये एक सच्‍चाई है कि डिजिटल गैजेट वो माध्‍यम है जिससे बड़ी आसानी से और व्यापक रूप से चीजों को प्राप्त कर सकते हैं। इसको हमें एक विकल्‍प के तौर पर लेना चाहिए, न की इसको समस्‍या के तौर पर देखना चाहिए।

 

5- पुरानी सोच से आगे बढ़ना मुश्किल

पीएम ने कहा कि पूरे देश में नेशनल एजुकेशन पालिसी की जमकर प्रशंसा हो रही है। इसे सरकार ने नहीं, सभी ने मिलकर बनाया है। 20वीं सदी की सोच से 21वीं सदी में आगे नहीं बढ़ सकते हैं। इसलिए हमें 21वीं सदी के अनुकूल अपने आपको ढालना चाहिए।

6- लिखें परीक्षा को पत्र और बनें मजबूत 

पीएम मोदी ने कहा कि अपने डर को निकालने के लिए परीक्षा को पत्र लिखें और बताएं कि आपने एग्‍जाम को लेकर पूरी तैयारी की है। उस पत्र में बताएं वो उन्‍हें हरा नहीं सकता है, गिरा नहीं सकता है क्‍योंकि वो अपनी जीत को लेकर आत्‍मविश्‍वास से लबरेज है। इसलिए एग्‍जाम मेरा नहीं है बल्कि तुम्‍हारा है।

7- जो करें वर्तमान में रहते हुए करें

पीएम मोदी ने परीक्षा पे चर्चा के दौरान कहा कि कुछ लोग काम करते हुए अपने ध्‍यान को उसमें नहीं लगा पाते हैं। इसलिए वो उस पल को नहीं जी पाते हैं और इसके चलते वो केवल समय बिताते हैं। वो ये भी नहीं बता सकते हैं कि उन्‍होंने क्‍या किया। इसलिए जरूरी है कि आप जो भी करें वो वर्तमान में रहते हुए करें। ऐसे में कभी भी अपने किए काम को नहीं भूल सकेंगे। अपनी मैमोरी को सिर्फ एग्‍जाम का तनाव न बनने दें। मन को स्थिर करना बेहद जरूरी है।

8- अपनी कमजोरी को बनाएं ताकत

पीएम नरेन्‍द्र मोदी ने कहा कि भगवान ने एक विकलांग व्यक्ति को इतनी क्षमताओं से वंचित कर दिया है लेकिन विकलांगों ने उन कमजोरियों को ताकत में बदल दिया है। छात्रों को आत्मनिरीक्षण करना चाहिए और देखना चाहिए कि वे कौन सी कमजोरियां हैं जो उन्हें आगे बढ़ने से रोक रही है। उसको ही अपनी ताकत बनाएं। उन्‍होंने कहा कि छोटे बच्‍चे को चलना कोई नहीं सिखाता है वो खुद अपनी कोशिश से खड़ा होता है और एक एक कदम के साथ आगे बढ़ता है।

9- मन के बहाव में बहने से बचें 

जितनी मेहनत की है उसका आउटकम मिलना भी जरूरी है। इसका विश्‍लेषण करने की बेहद जरूरत है। कई बार कठिन चीजों को हम कम समय देते हैं या उससे बचने की कोशिश करते हैं। जरूरत है कि हम अपने मन को काबू में रखें बल्कि मन के बहाव में न बहें। पीएम मोदी ने कहा कि जिसको जिसमें सहूलियत हो वो वैसे पढ़े।

10- योग्‍य इंसान बनाएं 

एक सवाल के जवाब में उन्‍होंने कहा कि ये कहना गलत होगा कि किस एग्‍जाम पर ज्‍यादा ध्‍यान लगाया जाए। इंसान को खुद एक योग्‍य इंसान के तौर पर खुद को तैयार करना चाहिए। यदि प्रतियोगिता ही नहीं होगी तो क्‍या फायदा होगा। इसलिए काम्‍पटीशन जिंदगी को आगे बढ़ाने का एक माध्‍यम है। इस यंग जनरेशन को जो चीजें हासिल हैं वो पहले नहीं थीं। काम्‍पटीशन है तो आप्‍शन भी हैं। इसलिए खुद को मजबूती से तैयार करें