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PM बनने के बाद नरेंद्र मोदी के पहले इंटरनेशनल दोस्‍त बने थे शिंजो आबे,


नई दिल्‍ली, । जापान के नारा शहर में पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो की गोली मारकर हत्‍या कर दी गई। गोली लगने के बाद उनके हार्ट पर गहरा असर हुआ है और उनकी मौत हो गई। दरअसल, शिंजो आबे का भारत से खासकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बहुत मधुर संबंध हैं। उनके कार्यकाल में भारत-जापान के बीच बेहद मधुर संबंध रहे। इसके अलावा मोदी के साथ उनकी दोस्‍ती जगजाहिर थी। आइए जानते हैं पीएम मोदी और शिंजो के कार्यकाल में दोनों देशों का संबंध कैसे परवान चढ़ा। उस वक्‍त दोनों देशों के संबंधों के साथ दोनों नेताओं की दोस्‍ती की चर्चा आम थी। इन संबंधों को लेकर चीन की चिंता बढ़ गई थी। 

1- विदेश मामलों के जानकार प्रो हर्ष वी पंत का कहना है कि गुजरात के मुख्‍यमंत्री रहते हुए नरेंद्र मोदी ने जापान के साथ अपने रिश्‍तों को प्रगाढ़ बनाया था। वर्ष 2014 में प्रधानमंत्री पद संभालने के बाद उनके पहले इंटरनेशनल दोस्‍त शिंजो आबे बने। पीएम मोदी और जापान के पूर्व पीएम शिंजो आबे ने दुनिया के सामने कई बार अपनी दोस्ती का इजहार भी किया और इकरार भी। मोदी का जापान के पूर्व पीएम शिंजो आबे से दोस्ती तबसे है, जब मोदी गुजरात के सीएम थे।

 

2- उन्‍होंने कहा शिंजो से मोदी की पहली मुलाकात वर्ष 2007 में हुई थी। इस समय शिंजो जापान के प्रधानमंत्री थे। इसके बाद मोदी बतौर गुजरात के सीएम वर्ष 2012 में जापान की दूसरी यात्रा पर गए थे। इस समया शिंजो सत्ता से बाहर थे, लेकिन इसके बावजूद मोदी ने उनसे मुलाकात की थी। मोदी की यात्रा के कुछ समय बाद ही शिंजो फिर से जापान के प्रधानमंत्री बने, तब मोदी ने उन्हें फोन पर बधाई दी थी। गणतंत्र दिवस के मौके पर जब शिंजो 26 जनवरी 2014 को विशेष अतिथि बनकर भारत आए, तब प्रोटोकाल की वजह से गुजरात नहीं जा पाए थे। इसलिए मोदी उनसे मिलने खुद ही दिल्ली दौड़े आए थे।

 

3- वर्ष 2014 भारत में आम चुनाव के बाद मोदी देश के प्रधानमंत्री बने और उन्‍होंने जापान की यात्रा की। अगस्त-सितंबर के महीने में कूटनीतिक रिश्तों का करार लेकर जब मोदी टोक्‍यो पहुंचे तो जापान के शाही महल में पीएम मोदी का शानदार स्वागत हुआ। फिर क्योटो से लेकर टोक्‍यो तक हर पल हर लम्‍हा शिंजो और मोदी का साथ-साथ रहना देश ही नहीं, दुनिया में चर्चा का विषय था। इस यात्रा में कोई प्रोटोकाल बाधा नहीं बना और दोनों नेता हर पल एक-दूसरे के साथ रहे। दिसंबर, 2015 में शिंजो आबे की भारत यात्रा के दौरान उन्‍होंने प्रधानमंत्री मोदी के साथ उनके संसदीय सीट वाराणसी का दौरा किया। दोनों नेताओं ने दशाश्वमेध घाट पर प्रार्थना की और गंगा आरती में शामिल हुए थे। दोनों देशों के लिए यह एक बड़ा भावुक पल था। पूरी दुनिया ने इस नजारे को देखा।

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4- वर्ष 2017 में जापान के शिंजो आबे दो दिनों के भारत दौरे पर पहुंचे तो मोदी ने अहमदाबाद एयरपोर्ट पर आबे की अगवानी की और गले मिलकर अपने दोस्त का स्वागत भी किया। पूरी दुनिया ने इस दृश्‍य को देखा। देश को बुलेट ट्रेन की सौगात देने से ठीक एक दिन पहले प्रधानमंत्री मोदी ने जापान के शिंजो आबे के साथ रोड शो के जरिए गुजरात में चुनावी बिगुल फूंका। मोदी-आबे के साथ 500 साल पुरानी सिद्दी सैयद मस्जिद भी गए। कोरोना महामारी की लड़ाई में जापान ने भारत का जमकर साथ दिया। कोरोना महामारी की दूसरी लहर भारत के लिए एक कठिन दौर था, उस वक्‍त जापान ने भारत के साथ अपनी दोस्ती को निभाया। जापान ने भारत को हरसंभव मदद की।

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5- जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने खराब स्वास्थ्य का हवाला देते हुए अपने पद से इस्तीफे का ऐलान कर दिया था। आबे ने इस्तीफा देते हुए कहा कि वे अपनी बीमारी को अपने निर्णय लेने की क्षमता के बीच में नहीं आने देना चाहते। शिंजो आबे के स्वास्थ्य की जानकारी सामने आने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट किया था। पीएम मोदी ने कहा कि प्रिय दोस्त शिंजो आबे के स्वास्थ्य के बारे में सुनकर दुख हुआ। मैं आपके जल्द स्वस्थ होने की कामना और प्रार्थना करता हूं।