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जहरीला कफ सिरप से हुई मौतों को लेकर WHO ने दिखाई सख्ती, निर्माताओं से मांगी जानकारी


नई दिल्ली,  जहरीला कफ सिरप पीने से तीन देशों में 300 से अधिक बच्चों की मौत हुई है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) जांच कर रहा है कि क्या उन निर्माताओं के बीच कोई संबंध है। इस मामले से परिचित एक व्यक्ति ने रॉयटर्स को यह जानकारी दी।

बता दें कि उत्पादों में विषाक्त पदार्थों के अस्वीकार्य स्तर का हवाला दिया गया है। लिहाजा, डब्ल्यूएचओ ने भारत और इंडोनेशिया में छह निर्माताओं से दवाओं के उत्पादन में इस्तेमाल किए जाने वाले विशिष्ट कच्चे माल के बारे में अधिक जानकारी मांगी है।

क्या एक ही आपूर्तिकर्ता से लिया था कच्चा माल

इन निर्माताओं की दवाओं को हाल ही में हुई मौतों से जुड़ा हुआ पाया गया है। साथ ही यह जानकारी भी मांगी गई है कि क्या कंपनियों ने कच्चा माल एक ही आपूर्तिकर्ता से लिया था। हालांकि, WHO ने किसी सप्लायर का नाम नहीं लिया है।

 

कफ सिरप जरूरी हैं भी या नहीं, इस पर भी विचार

डब्ल्यूएचओ इस बात पर भी विचार कर रहा है कि क्या सामान्य रूप से बच्चों के लिए खांसी की दवाई के उपयोग का पुनर्मूल्यांकन करने के लिए विश्व स्तर पर परिवारों को सलाह दी जाए। दरअसल, इनमें से कुछ उत्पादों की सुरक्षा पर सवाल अनसुलझे हैं। डब्ल्यूएचओ विशेषज्ञ इस बात का मूल्यांकन कर रहे हैं कि इस तरह के उत्पाद बच्चों के लिए चिकित्सकीय रूप से जरूरी हैं या नहीं और यदि हैं तो कब।

ये दो ज्ञात जहर पाए गए थे कफ सिरप में

गंभीर गुर्दे की परेशानी से बच्चों की मौत जुलाई 2022 में गाम्बिया में होनी शुरू हुई थी। इसके बाद इंडोनेशिया और उज्बेकिस्तान में बच्चों की मौत के मामले सामने आए। डब्लूएचओ ने कहा है कि मौतें आम बीमारियों में बच्चों को दी जाने वाली ओवर-द-काउंटर खांसी की दवाई से जुड़ी हैं, जिसमें डायथिलीन ग्लाइकॉल या एथिलीन ग्लाइकॉल एक ज्ञात जहर मौजूद है।

 

बच्चों की मौत को रोकना प्राथमिकता- प्रवक्ता

आज तक डब्ल्यूएचओ ने भारत और इंडोनेशिया में छह दवा निर्माताओं की पहचान की है, जो कफ सिरप का उत्पादन करते हैं। इन निर्माताओं ने या तो जांच पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है या इस बात से इनकार कर दिया कि दूषित सामग्री की वजह से कोई भी मौत हुई थी।

डब्ल्यूएचओ की प्रवक्ता मार्गरेट हैरिस ने संगठन के काम के विवरण पर कोई टिप्पणी नहीं की। मगर, उन्होंने कहा कि यह हमारे लिए सर्वोच्च प्राथमिकता है कि और अधिक बच्चों की मौत किसी ऐसी चीज से न हो, जिसे रोका जाना बहुत जरूरी है।

चार अन्य देशों में बढ़ाया जांच का दायरा

संयुक्त राष्ट्र की स्वास्थ्य एजेंसी ने सोमवार को कहा कि कंबोडिया, फिलीपींस, पूर्वी तिमोर और सेनेगल में इसी तरह के उत्पाद बिक रहे हैं। इन देशों में उसने अपनी जांच को बढ़ा दिया है। कफ सिरप में डायथिलीन ग्लाइकॉल और एथिलीन ग्लाइकॉल के संभावित संदूषण की जांच की जा रही है।