- नयी दिल्ली। बीते हफ्ते कोयला संकट से जूझ रहे देश के पावर प्लांटों में ईंधन की उपलब्धता बढ़ने से उत्पादन में सुधार आ रहा है। इस हफ्ते क्षमता के मुकाबले उत्पादन में कमी का आंकड़ा जहां 11000 मेगावॉट पहुंच गया था। वहीं अब यह घटकर 6000 मेगावॉट पहुंच गया है। बिजली मंत्रालय ने एक बयान में यह जानकारी दी।
पावर सिस्टम ऑपरेशन कॉरपोरेशन लि.पीओएसओसीओ) की रिपोर्ट के अनुसार कोयले की कमी के कारण बिजलीघरों की ऊर्जा उत्पादन की कुल क्षमता में कटौती 12 अक्टूबर को 11,000 मेगावॉट से कम होकर 13 अक्टूबर को 6,000 मेगावॉट पर आ गयी। इससे पहले, कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि तापीय बिजलीघरों को कोयले की आपूर्ति मंगलवार को 20 लाख टन को पार कर गयी और संयंत्रों को ईंधन की आपूर्ति बढ़ायी जा रही है। बता दें कि बारिश एवं अन्य कारणों से देश में कई बिजलीघर कोयले की कमी से जूझ रहे हैं और ईंधन की आपूर्ति बढ़ाने को लेकर प्रयास किये जा रहे हैं।
जोशी ने सीआईएल की खानों का निरीक्षण किया
कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी ने बुधवार को कोल इंडिया लिमिटेड सीआईएल) की कुछ खदानों का निरीक्षण किया और अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे ताप विद्युत संयंत्रों को अधिक कोयला भेजने की दिशा में काम करें। देश के विभिन्न बिजली संयंत्रों में कोयले की आपूर्ति की कमी के बीच कोयला मंत्री का यह दौरा हुआ है। मंत्री ने एक ट्वीट में कहा, ”छत्तीसगढ़ के कोरबा में दीपका कोयला खदान में रेलवे साइडिंग का दौरा किया। साइडिंग यार्ड में कोयला स्टॉक का निरीक्षण किया और साइडिंग प्रभारी और अन्य अधिकारियों के साथ बातचीत की।” सीआईएल की कुल आपूर्ति का लगभग 80 प्रतिशत बिजली क्षेत्र को भेजा जाता है।
दिल्ली में बिजली की कमी के कारण कोई कटौती नहीं
केंद्रीय विद्युत मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि दिल्ली में बिजली की कमी के कारण कोई कटौती नहीं हुई है। बिजलीघरों को कोयला आपूर्ति को लेकर चिंता के बीच मंत्रालय ने यह कहा है। मंत्रालय ने राष्ट्रीय राजधानी में बिजली की स्थिति के बारे में तथ्य जारी करते हुए कहा कि दिल्ली में बिजली की अधिकतम मांग 12 अक्टूबर को 4,707 मेगावॉट और 10.15 करोड़ यूनिट रही। बयान के अनुसार, ”दिल्ली की वितरण कंपनियों से मिली सूचना के अनुसार बिजली की कमी के कारण कोई कटौती नहीं हुई, क्योंकि उन्हें जरूरी मात्रा में ऊर्जा की आपूर्ति की गयी थी।” मंत्रालय ने जो तथ्य उपलब्ध कराये हैं, उसके अनुसार शहर में 27 सितंबर से 12 अक्टूबर के बीच बिजली की कोई कमी नहीं रही। दिल्ली में 12 अक्टूबर को 10.15 करोड़ यूनिट की जरूरत के अनुसार 10.15 करोड़ बिजली उपलब्ध रही।