चंडीगढ़ पंजाब विधानसभा के विशेष सत्र में भारी हंगामे के बाद मुख्यमंत्री मुख्यमंत्री भगवंत मान सरकार की ओर से विश्वास मत पेश किया। इससे पहले वह यह प्रस्ताव पेश करने खड़े हुए तो इसके बाद सदन में हंगामा हो गया। हंंगामे के कारण कांग्रेस के विधायकों को स्पीकर ने नेम कर सदस्य से निकाल दिया। इसके बाद सीएम ने प्रस्ताव पेश किया। इस दौरान उन्होंंने विपक्ष खासकर भाजपा व कांग्रेस पर जमकर हमले किए।
दूसरी ओर, पंजाब विधानसभा से स्पीकर द्वारा निकाले जाने के बाद कांग्रेस के विधायकों ने विधानसभा की पार्किंग में शेडो विधानसभा लगाया। इसमें कांग्रेस विधायक दल के नेता प्रताप सिंह बाजवा, पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष अमरिंदर सिंंह राजा वडिंंग सहित कांग्रेस के सभी विधायक भाग ले रहे हैं।
विधानसभा परिसर में शेडो असेंबली लगाते कांग्रेस विधायक।(जागरण)
भगवंत मान ने विश्वास मत पेश करते हुए विपक्ष पर साधा निशाना
भगवंत मान ने सदन में अपनी सरकार की ओर से विश्वास प्रस्ताव पेश किया। इसका अनुमोदन वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा और मंत्री अमन अरोड़ा ने किया। विश्वास प्रस्ताव पर चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि इस सदन में बड़ी बहस हुई हैं। इस बार सार्थक बहस होती तो आने वाली पीढ़ियां को इन्हें पढ़ने का मौका मिलता। यदि गुलदस्ते में एक जैसे फूल हों तो ज्यादा देर देख नहीं सकते। विपक्ष के बिना मजा नही आता। मैं भी आठ साल विपक्ष में रहा हूं।
उन्होंने कहा कि आज कल रिवाज बन गया कि विधानसभा चलने नही देंगे। इससे लोकतंत्र की आत्मा तड़पती है। सभी का सोचने का तरीका अलग हो सकता है। महात्मा बुद्ध के समय से लोकतंत्र शुरू हो गया था। अब यहां कह रहे हैं कि हमें सुन लो औरों को मत सुनो।
भगवंत मान ने कहा क विश्वास प्रस्ताव क्या होता है। लोगों ने हमारे ऊपर विश्वास किया है यह बताने से हमें रोका जा रहा है। हार – जीत चलती रहती है।हमें यह लगता था कि लोगों का विश्वास खरीदने के मामले में हमारे साथ होंगे। ये (कांग्रेस विधायक) विरोध में वोट डाल दें वोट। ये भाजपा से मिले हुए हैं। हमने जिस दिन विश्वास प्रस्ताव लाने के लिए विधानसभा बुलाने की बात की तो कांग्रेस ने विरोध शुरू कर दिया। कांग्रेस को अपने विधायकों को बेच कर गुजारा करना पड़ रहा है।
भगवंत मान ने कहा कि विपक्ष के नेता बाजवा पर सब को हैरानी हुई। बाजवा को चिंता है इनका कोई डील फेल हो गई। लाइव कर दिया सेशन को। जो मांग कर रहे थे वे आज यहां नहीं है। अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि यदि मैंने काम किया है तो वोट दे दो। भाजपा ने एक नया तरीका ढूंढ लिया है जब लोग नही चुनते तो विधायकों को खरीद कर बना लेते हैं। भाजपा के नेता वक्त के साथ खेल रहे हैं। वे भूल रहे हैं कि वक्त किसी का नहीं होता। मृग तृष्णा के पीछे भाग रहे हैं। उसी का शिकार हो गई है भाजपा।
बोले- दिल्ली में भाजपा ने तीन बार कोशिश की, लेकिन आप के विधायक नहीं बिकते
उन्होंंने कहा कि दिल्ली में भी इन्होंने (भाजपा ने) तीन बार कोशिश की, लेकिन आप के विधायक नहीं बिकते। मंडी में इनकी कीमत ही नहीं है। काहले थे हमारी पार्टी में, नकारे हुए लोग हैं यह। सब्र नहीं हैं इनमें। लोगों के बिजली के बिल जीरो आने लगे। विधायकों की एक पेंशन से सबसे ज्यादा दिक्कत हुई। सब आपस में मिले हुए थे लेकिन पंजाब के लोगों ने अपनी बारी कहीं और बांध ली।
पंजाब विधानसभा में विश्वास प्रस्ताव पेश करने के बाद बोलते मुख्यमंत्री भगवंत मान। (फाइल फोटो)
भगवंत मान ने कहा- भाजपा ख्याली विधानसभा लगा रही है
उन्होंने कहा कि हम कच्चे मुलाजिमों को नियमित करने पर काम कर रहे हैं, ये क्यों नहीं कर सके। हमारी कई कोशिशों में कानूनी अड़चनें भी हैं। भाजपा ने अपनी ख्याली विधानसभा लगाई हुई है बत्रा सिनेमा के सामने। एक्टिंग कर रहे हैं, लेकिन एक्टिंग तो सिनेमा के अंदर होती है। अमित शाह आज कल का उद्घाटन कर रहे हैं। पहले केवल धर्म पर बोलते थे। विश्वास जनता का जितना मुश्किल है उसे बनाए रखना उससे भी मुश्किल है। मेरे ये सभी 91 विधायक हमारे ऊपर विश्वास रखेंगे। ये तो सारा दिन रोते रहते हैं। विधायक गलतफहमी में न रहें। लोग सब जानते हैं। भाजपा विश्वास को खरीदने में लगी है।
हंंगामे के कारण तीन बार स्थगित हुई सदन की कार्यवाही
इससे पहले सदन को हंगामे के कारण आधे घंटे के लिए स्थगित किया गया और दोबारा सदन की कार्यवाही शुरू हुई तो हंगामा फिर शुरू हाे गया। इसके बाद स्पीकर ने कांग्रेस के सभी विधायकों को सदन से निकालने का मार्शलों को आदेश दिया। कांग्रेस विधायकों को सदन से आज के लिए निलंबित कर दिया गया। मार्शल के कहने पर भी कांग्रेस के विधायक सदन में बैठे रहे तो स्पीकर ने पहले 10 मिनट और फिर 15 मिनट के लिए सदन की कार्यवाही स्थगित कर दिया। इसके बाद कांग्रेस के विधायक खुद सदन से उठ कर चले गए।
स्पीकर द्वारा आदेश देने के बाद मार्शल कांग्रेस विधायकों को सदन से बाहर निकलने का अनुरोध करते रहे, लेकिन विधाायक सदन में बैठे रहे। इसके बाद स्पीकर ने फिर से सदन को 15 मिनट के लिए स्थगित कर दिया है। लेकिन मार्शल द्वारा कार्रवाई करने से पहले कांग्रेस के विधायक खुद ही उठकर सदन के बाहर चले गए।
स्पीकर ने मार्शल को कांग्रेस विधायकों को सदन से निकालने को कहा
इससे पहले भगवंत मान ने विश्वास प्रस्ताव रखने की कोशिश की तो कांग्रेस विधायकों ने पहले शून्यकाल की मांग की। स्पीकर ने उनकी मांग नहीं मानी तो विपक्ष के विधायक हंगामा करने लगे।हंगामा बढ़ने पर सदन की कार्यवाही आधे घंटे के लिए स्थगित कर दिया गया। इसके बाद सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू हुई तो फिर हंगामा हो गया और विपक्ष के विधायक सदन की वैल में आ गए।विपक्ष के विधायक सदन मे नारेबाजी कर रहे हैं। इसके बाद स्पीकर ने हंगामा कर रहे सभी कांग्रेस विधायकों को नेम किया और उनको सदन से निकालने का आदेश दिया। सभी कांग्रेस विधायकों को आज के लिए सदन से निलंबित कर दिया गया है।
स्पीकर ने मार्शल से उन्हें बाहर निकलने का आदेश दिया। स्पीकर नेे कहा की चेयर की कांग्रेस के विधायकों ने तौहीन की है। उन्होंने आज के लिए सभी कांग्रेस विधायक को निलंबित कर दिया। सदन की कार्यवाही को दस मिनट के लिए स्थगित कर दिया गया। मार्शल कांग्रेस विधायकों को निकलने के लिए बोलते रहे लेकिन सभी विधायक अपनी सीटों पर बैठ गए। पुलिस अधिकारी विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा को मनाने की कोशिश कर रहे हैं ।
हंगामे के बीच मंत्री अमन अरोड़ा ने कहा कि जो लोग ऑपरेशन लोटस चला रहे हैं वे चुप करके बैठे हैं और उन्होंने कांग्रेस विधायकों के रूप में अपनी बी टीम को आगे कर रखा है। सीएम भगवंत मान कांग्रेस विधायकों की ओर मुखातिब होते हुए कहा कि कौन से हकों की बात कर रहे हैं। आपको क्या घाटा पड़ेगा अगर ऑपरेशन लोटस फेल होता है। इनसे अपने गोवा, कर्नाटक, मध्य प्रदेश आप गंवा चुके हो।
इसके बाद हंगामा शांत नहीं होने पर स्पीकर ने कांग्रेस के सभी विधायकों को नेम कर सदन से बाहर करने का आदेश दे दिया।
सीएम भगवंत मान के विश्वास प्रस्ताव पेश करने पर खैहरा ने पहले शून्यकाल की मांग की
सदन मेंं मुख्यमंत्री भगवंत मान विश्वास प्रस्ताव लाने के लिए उठे तो कांग्रेस सुखपाल सिंह खैहरा ने शून्यकाल की की मांग की। स्पीकर ने इससे मना कर दिया तो विपक्ष के विधायक शोर मचाने लगे। इसके बाद स्पीकर ने विपक्षी विधायकों को चेताया, लेकिन हंंगामा जारी रहा।
इसके बाद भी विपक्षी सदस्य शून्य काल का वक्त देने की मांग को लेकर अड़े रहे। विपक्ष के नेताओं ने कहा कि कानून के मुताबिक विश्वास प्रस्ताव नहीं आ सकता है। हंगामा शोत न होने पर स्पीकर ने विपक्षी सदस्याें से कहा कि उन्हें कार्रवाई के लिए मजबूर न किया जाए। इसके बावजूद हंगामा शांत नहीं हुआ तो सदन की कार्यवाही आधे घंटा के लिए स्थगित कर दिया गया।
विधानसभा का विशेष सत्र 3 अक्टूबर तक चलेगा
विधानसभा के इस सत्र की कार्यवाही 3 अक्टूबर तक चलेगी इससे पहले सत्र के शुरू होने पर पिछले दिनों दिवंगत हुई हस्तियों को श्रद्धांजलि दी गई और इसके बाद सदन की कार्यवाही 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। इसके बाद फिर सदन की कार्यवाही शुरू हुई। इस सत्र में काफी हंगामा हाेने के आसार हैं। विधानसभा का सत्र 3 अक्टूबर चलेगा।
भाजपा विधायकों ने बिजनेस एडवाजरी कमेटी की बैठक में नहीं बुलाए जाने पर उठाया सवाल
सदन में भाजपा के विधायकों ने विधानसभा की बिजनेस एडवाजरी कमेटी (BAC) की बैठक में खुद को नहीं बुलाए जाने पर सवाल किया। भाजपा विधायक जंगी लाल महाजन ने कहा की हमें BAC की मीटिंग में क्यों नहीं बुलाया। इस पर भाजपा विधायकों और आप के विधायकों के बीच तू तू मैं मैं हो गई। स्पीकर ने जंगी लाला महाजन को बोलने नही दिया।
विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा और स्पीकर में हुई बहसबाजी
विपक्ष के नेता प्रताप सिंंह बाजवा ने स्पीकर से कहा कि पहला प्रस्ताव विश्वास ला रहे हो। आप संविधान के प्रमुख राज्यपाल को अंगूठा दे रहे हो। विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा ने कहा कि प्रश्न काल, शून्य काल, ध्यानाकर्षण प्रस्ताव नहीं लाया जा रहा है।इतनी जल्दी क्या है। क्या पाकिस्तान के साथ जंग चल रही है। इस पर स्पीकर ने कहा कि विपक्ष के सभी स्वालों का जवाब दिया जाएगा। इस बीच स्पीकर कुलतार सिंह संधवा थोड़ी देर में बिजनेस एडवाजरी कमेटी की रिपोर्ट रखी। इसे विपक्ष के विरोध के बाद पास कर दिया गया।
इससे पहले सदन की कार्यवाही शुरू होने पर पंजाब के पानी की लंबी लड़ाई लड़ने वाले प्रीतम सिंह कुमेदान सहित , पूर्व स्पीकर निर्मल सिंह पूर्व विधायक धर्मवीर अग्निहोत्री, प्रगतिशील किसान जगजीत सिंह हारा, समाज सेवक कृष्ण देव खोसला, तख्त श्री पटना साहिब के प्रधान अवतार सिंह हित को श्रद्धांजलि दी गई। इसके बाद सदन को एक घंटे के लिए स्थगित कर दिया है।
शिअद विधायकों ने आप सरकार पर साधा निशाना
विधानसभा के इस विशेष सत्र को लेकर विपक्ष के विधायक सवाल उठा रहे हैं। विधानसभा पहुंची शिअद की विधायक गनीव कौर से जब बात की गई तो उन्होंने कहा कि मैं जूनियर हूं, मेरे सीनियर से बात करो। गनीव ने कहा कि किसानों के बहुत से मुद्दे है। एसवाईएल का पानी किसी काे नहीं दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि आप ने लोगों से बहुत वायदे किए थे लेकिन एक भी वादा पूरा नहीं हुआ। कच्चे कर्मचारियों को पक्का नहीं किया गया। आंदोलन कर रहे कर्मचारियों को बुरी तरह पीटा जा रहा है। ऐसे तो कोई पशुओं को भी नहीं पीटा जाता। सरकार बहुमत से आई है लेकिन दुख की बात है कि राज्य के मुद्दों को छोड़ वह बहुमत साबित करने में लगी है। आपरेशन लोटस नहीं जनता के मुद्दों पर बात होनी चाहिए। अगर जरूरत है तो सत्र बढ़ाया जाए लेकिन जनता के मुद्दों पर बात की जाए।
शिअद के विधायक सुखविंदर कुमार ने कहा कि सत्र का कोई एजेंडा नहीं भेजा गया। लोगों का पैसा क्यों खराब किया जा रहा है। आपरेशन लोटस के नाम पर विधायकों को खरीदने की बात कहीं जा रही है। पूछा जाएगा कि जो लोग खरीद रहे हैं उनके नाम सावर्जनिक किया जाए। जनता के मुद्दों पर बात होनी चाहिए। लोगों की मुद्दों की बात नहीं हो रही सिर्फ अपनी नाकामियां सरकार छुपाने में लगी है।
बता दें कि आम आदमी पार्टी की सरकार ने पहले 22 सितंबर को विशेष सत्र बुलाया था, लेकिन राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित ने मंजूरी देने के बाद इसे वापस ले लिया था। इसके बाद 27 सितंबर यानि आज यह बैठक बुलाई है। इस बैठक में पराली की समस्या और जीएसटी के मुद्दे पर चर्चा होने की बात कही गई है। लेकिन, संकेत हैं कि भगवंत मान सरकार इस सत्र के दौरान विश्वास मत पेश कर सकती है।
भगवंत मान सरकार ने पहले 22 सितंबर को जो विशेष सत्र बुलाई थी उसमें सरकार के प्रति विश्वास मत रखने का एजेंडा तय किया गया था। राज्यपाल बनवारी लाल पुराेहित ने उसे मंजूरी दे दी थी, लेकिन बाद में कानूनी सलाह लेने के बाद यह मंजूरी वापस ले ली गई थी। राज्यपाल की ओर से कहा गया था कि विधानसभा की नियमावली में विश्वास मत के लिए विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने का प्रविधान नहीं है।
राज्यपाल के इस कदम के बाद सियासी हंगामा हो गया और आम आदमी पार्टी ने राज्यपाल के कदम पर सवाल उठाया दिया। सीएम भगवंत मान ने तो इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट जाने की बात भी कही। इसके बाद कैबिनेट ने राज्यपाल काे 27 सितंबर को विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने का प्रस्ताव भेजा। राज्यपाल ने सरकार से इस सत्र के एजेंडा के बारे में जानकारी मांगी तो सीएम व आप नेता फिर भड़क गए, लेकिन बाद में सत्र में पराली समस्या व जीएसटी सहित अन्य मुद्दों पर चर्चा होने की जानकारी राज्यपाल को भेजी। इसके बाद राज्यपाल पुरोहित ने सत्र बुलाने की अनुमति दे दी।